रवि शुक्ला,मुंगेली. कलेक्टर जन दर्शन मात्र एक दिखावा बन कर रह गया है. लोग अपनी समस्याएं लेकर बड़ी आस लेकर आते हैं लेकिन काम नहीं होने से मायूस होकर प्रदेश शासन को कोसते हुए लौटते हैं. शासन की अनेकों योजनाएँ निचले स्तर पर अभी भी लागू होने में परेशानी हो रही है. लाचार वृद्धजनों को वृद्धा पेंशन दिव्यांगों को निराश्रित पेंशन जैसी महत्वपूर्ण योजना के लिए लाचार बेसहारा लोग कलेक्टर जन दर्शन के चक्कर लगाते लगाते थक जाते हैं, पर उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
कुछ दिनों पूर्व लोरमी विकासखंड के एक गांव बरमपुर के हितग्राही हरिप्रसाद ने 14 बार जनदर्शन में शिकायत किया था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई. इसी प्रकार जिले के भालुखोंदरा गांव के लाचार बुजुर्गों द्वारा भी 6 माह में चार बार शिकायत किया जा चुका है और लाचार बुजुर्ग महिलाएं जिला कार्यालय का चक्कर लगा लगाकर थक चुकी हैं लेकिन जिला प्रशासन की कुम्भकर्णी निद्रा भंग नहीं हो रही है. प्रदेश सरकार की अनेकों हितग्राही मूलक योजनाए बहुत अच्छी हैं लेकिन वे योजनायें अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ रही हैं. इन लाचार बुजुर्ग महिलाओं को देखकर भी अधिकारियों की मानवता जागृत नहीं हो रही है. ऐसे में ये किसके दरवाजे खटखटाएं. बार बार के चक्कर लगाने से इनका शासन से भरोसा उठता जा रहा है.
न तो ये पढ़ना लिखना जानते हैं और न ही कुछ बोलना जानते हैं. सिवाय इन मानवता रहित अधिकारियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना के अलावा. इन अधिकारियों की शिकायत भी नहीं कर सकते. अधिकारी न तो इन लाचारों की सुनते हैं और न ही निचले स्तर के कर्मचारियों की लापरवाही पर कोई कार्यवाही करते हैं.
इसी लापरवाही का लाभ उठाकर पंचायत के सरपंच और सचिव मनमानी कर लाखों डकार रहे हैं और शासन की योजनाओं की मिट्टी पलीत कर रहे हैं. प्रदेश शासन अगर इसी तरह शांत बैठा रहा तो इन अधिकारियों के भरोसे हितग्राही मूलक योजनाओं पर पानी फिरता रहेगा और प्रदेश की इन बुजुर्ग लाचार हितग्राहियों को कार्यालय का चक्कर लगाने के अलावा कुछ नहीं मिलेगा.