नागपुर में संघ कार्यालय में कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के शामिल होने से पहले से लेकर उसके बाद तक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. दरअशल सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें मंच पर संघ नेताओं के साथ खड़े प्रणब दा ने भी संघ की शैली में ध्वज प्रणाम किया. जबकी वास्तविकता में उन्होंने ऐसा नहीं किया था. लेकिन फोटो मिक्सिंग के जरिए इस तरह की त्सवीर वायरल की जा रही है।
जिसका डर था वही हुआ- शर्मिष्ठा
इस तस्वीर के वायरल होने के बाद प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि उन्हें इसी बात का डर था , और ये हो गया .
See, this is exactly what I was fearing & warned my father about. Not even few hours have passed, but BJP/RSS dirty tricks dept is at work in full swing! https://t.co/dII3nBSxb6
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) June 7, 2018
इतना ही नहीं कांग्रेस सांसद शकील अहमद ने भी ट्विट कर शर्मिष्ठा मुखर्जी को सही बताया है और आरएसएस को निशाने पर लिया है.
Apprehensions of @Sharmistha_GK about RSS were 100% correct when she said, speech will be forgotten but visuals will remain and distortions with fake statements will follow. Within minutes of Pranab Da’s return, they were at it. See both, the original and the photoshopped image. pic.twitter.com/qyeaaUxki0
— Dr Shakeel Ahmad (@Ahmad_Shakeel) June 8, 2018
बता दें कि जिस तस्वीर को वायरल किया गया है वो फेक है और जिस समय प्रणब को इस मुद्रा में दिखाया गया है उस समय प्रणब केवल सावधान की मुद्रा में खड़े थे. बहरहाल इस पर अब तक ना तो संघ के तरफ से ना ही बीजेपी की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है लेकिन कांग्रेस ने पूरे मामले को गंभीरता से लिए है.
गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी गुरूवार को संघ के कार्यक्रम में शामिल हुए थे और नफरत-भेदभाव से भारत की पहचान को खतरा बताया था.साथ ही उन्होंने अपने 50 साल के अनुभव का सार भी संघ कार्यकर्ताओ के साथ साझा किया था उन्होंने कहा था कि मैं अपने 50 साल के अपने सार्वजनिक जीवन के कुछ सार आपके साथ साझा करना चाहता हूं,देश के मूल विचार में बहुसंख्याकवाद और सहिष्णुता है, ये हमारी समग्र संस्कृति है जो कहती है कि एक भाषा,एक संस्कृति नहीं,बल्कि भारत विविधता में है.1.3 अरब लोग 122 भाषाएं और 1600 बोलियां बोलते हैं.7 मुख्य धर्म हैं. लेकिन तथ्य,संविधान और पहचान एक ही है वो भारतीय है.