रायपुर. चुनावी वर्ष में बीजेपी और कांग्रेस एक दम एक्शन मोड में है. दोनों दल के नेता एक दूसरे पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट कर अमित शाह और रमन सिंह पर तीखा हमला बोला है. कांग्रेस ने ट्विट कर ये बताने कि कोशिश की है कि रमन सिंह जिस  मेडिकल इंश्योरेंस की बात अभी कर रहे हैं. उसे यूपीए गवर्नमेंट ने 2008 में कर दिया है. इसके अलावा कांग्रेस ने सिलसिलेवार तरीके से अमित शाह के अंबिकापुर में दिए हुए बयान को लेकर भी हमला किया है.

बता दें कि अंबिकापुर में अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि, मैं राहुल गांधी को कहना चाहता हूं कि हमें उन्हें हिसाब देने के जरूरत नहीं है. लेकिन कांग्रेस ने इस बयान पर अलग ही तरह से जवाब देते हुए ट्विट किया है. और कहा है कि भारत  एक लोकतंत्र है. इसलिए आपको जवाब देना ही होगा. आईएनसी ने आगे लिखा है कि ना केवल कांग्रेस पार्टी बल्कि पूरा देश  नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल का हिसाब मांग रहा है.

 

कांग्रेस यहीं नहीं रुकी बल्कि कांग्रेस ने शाह के उस बयान पर भी तंज कसा है,जिसमें शाह ने रविवार को कहा था कि नरेंद्र मोदाी सरकार ने बॉर्डर को सील करने का काम किया. कांग्रेस ने अमित शाह के बयान पर आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए लिखा है कि केवल 2017 में 860 सीजफायर हुआ है, जो पिछले 7 साल में सबसे ज्यादा है.

 

इसके अतिरिक्त कांग्रेस ने मुख्यमंत्री रमन सिंह के उस बयान पर हमला बोला है,जिसमें रमन सिंह ये कहते हुए नजर आते हैं कि कांग्रेस ने 60 सालों में क्या किया है,क्या कभी कांग्रेस ने मेडिकल इंसोरेंस आपको दिया है. इस पर भी कांग्रेस ने चुभने वाला जवाब दिया है.  कांग्रेस ने बताया है कि  रमन सिंह जी, हमने ये काम काम आपसे पहले ही कर दिया है,जो आप अभी बता रहे हैं. कांग्रेस ने लिखा है कि  यूपीए गवर्नमेंट ने 2008 में ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना की शुरुआत कर दी थी जिसके ताहत बीपीएल धारकों को हेल्थ इंसोरेंस दिया जा रहा था.

गौरतलब है कि इसी वर्ष राज्य में चुनाव होने हैं. जिसकी बिगुल दोनों ही पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों ने अपने-अपने तरीके से फूंक दी है. रविवार को अमित शाह ने भी अंबिकापुर दौरे के समय चुनाव के मद्देनजर रोड़ शो किया. इससे पहले राहुल गांधी ने भी एक लंबा रोड शो कर चुके हैं. ऐसे में ये माना जा रहा है कि ये दोनों ही पार्टियों की तरफ से शक्ति प्रदर्शन है. लेकिन अब ये देखने वाली बात होगी जैसे-जैसे चुनावी मौसम नजदीक आएगा,वैसे -वैसे नेता किस तरह कि बयानबाजी करते हैं और इसका असर आगामी चुनाव में किस तरह से पड़ने वाला है.