लोकसभा नेता विपक्ष राहुल गांधी के दिवंगत भाजपा नेता अरुण जेटली के उन्हें धमकाने के दावों ने राजनीति को तेज कर दिया है। भाजपा की तरफ से टाइम लाइन पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि क्या जब एपीएमसी संशोधन लाया जा रहा था क्या तब अरुण जेटली वहां नहीं थे? या भूमि अधिग्रहण बिल के समय वह वहां नहीं थे? इतना ही नहीं पवन खेड़ा ने राहुल गांधी और अरुण जेटली की मुलाकातों की तारीखों को भी बताया। वहीं इस पूरे मामले में निर्मला सीतारमण ने अरुण जेटली पर की गई राहुल गांधी की टिप्पणी की आलोचना करते हुए एक ट्विट किया है। उन्होंने कहा कि अगर गैरजिम्मेदारी का कोई चेहरा है, तो वह लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी हैं। एक गैरजिम्मेदार नेतृत्व अपनी पार्टी और देश दोनो को नुकसान पहुंचाता है।
खेड़ा ने क्या कहा ?
राहुल गांधी के धमकी वाले बयान को लेकर पवन खेड़ा ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “अरुण जेटली जी ने खुद से धमकी नहीं दी… यह जाहिर है, वह तो बस जरिया थे… धमकी को बता रहे थे, असली धमकी तो ऊपर से आई थी। जब इतिहास लिखा जाएगा तब ऐसे कई खाते लिखे जाएंगे।”
दिवंगत भाजपा नेता अरुण जेटली के बेटे द्वारा राहुल गांधी की धमकी वाले बयान पर टाइमलाइन को लेकर उठाए गए सवाल पर भी पवन खेड़ा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, “कब, कौन, किससे मिलता है, इसका पूरा लेखा-जोखा रहता है। यह सभी तारीखें सभी के पास रहती हैं। क्या जब एपीएमसी संशोधन लाया जा रहा था तब अरुण जेटली वहां नहीं थे? या जब भूमि अधिग्रहण की बात आ रही थी तब अरुण जेटली जी यहां नहीं थे? वह सबसे आगे थे। मैं आपको वह समाचार भी दिखाऊँगा, जब नवंबर 2015, जनवरी 2018, 22 जनवरी 2018 को इन दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी। यह तारीखें सभी के पास हैं।”
उन्होंने भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा, “भाजपा वालों को उछलने दीजिए। भाजपा तो खुद ही हमारा प्रचार करती है। इससे मुझे बहुत खुशी होती है। करने दो।”
ऐसी गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों से कांग्रेस को ही नुकसान- वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अरुण जेटली पर राहुल गांधी की टिप्पणी के चलते उन पर निशाना साधा। उन्होंने शनिवार को लोकसभा में कहा कि विपक्ष के नेता की ऐसी गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों से कांग्रेस को ही नुकसान होता है।
राहुल गांधी की टिप्पणी घृणित
राहुल गांधी की टिप्पणी के जवाब में वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। उन्होंने पोस्ट में कहा कि अगर गैरजिम्मेदारी का कोई चेहरा होता होगा तो वह लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का होगा। सीतारमण ने आगे कहा कि सार्वजनिक जीवन में रहे लोगों पर, यहां तक कि जो अब हमारे बीच नहीं हैं, बेबुनियाद आरोप लगाना उनकी पर्सनैलिटि का एक हिस्सा बनता जा रहा है। दिवंगत श्री अरुण जेटली पर उनकी टिप्पणियां घिनौनी हैं। भारत को एक मजबूत विपक्षी दल की जरूरत है। एक गैर-जिम्मेदार नेतृत्व अपनी पार्टी को तो नुकसान पहुंचा ही रहा है वह इसके साथ देश को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन क्या उन्हें इसकी परवाह है?
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