भोपाल। किसानों को ‘भावन्तर’ के भाव देने के लिए भोपाल के जम्मूरी मैदान में बड़ा किसान सम्मेलन तो आयोजित किया गया, लेकिन अन्नदाता क्या चाहता है, ये सरकार नहीं सुनना चाहती थी ! मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जैसे ही भाषण देना शुरू किया, तभी एक बुजुर्ग किसान खड़ा हो गया और फसल बीमा के कथित छलावे पर अपना दर्द बयां करने लगा। लेकिन, वह मुख्यमंत्री को अपनी पूरी बात बता पता कि पुलिस ने उसे सम्मेलन से बाहर कर दिया। हालांकि, सरकार ने इस सम्मेलन की तैयारियों पर करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। ऐसे सम्मेलनों के दौरान मुख्यमंत्री भावन्तर योजना की राशि किसानों के खाते में ऑन लाइन राशि ट्रांसफर करते हैं। लेकिन, किसानों का यह भी आरोप है कि भावन्तर योजना लागू होने के बाद उन्हें उपज के अब ज्यादा भाव नहीं मिल पा रहे हैं। पिछले सालों के मुकाबले भाव कम मिल पा रहे हैं। वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि बीजेपी सरकार जिस तरह करोड़ों रुपए इस तरह के सम्मेलनों पर उड़ा रही है, उतनी राशि आपदा से जूझ रहे किसानों को देकर उनकी बदहाली दूर कर सकती है। गौरतलब है, मध्यप्रदेश में किसान उग्र आंदोलन कर चुके हैं। इस दौरान मंदसौर में पुलिस की गोलियों से 6 किसानों की जान जा चुकी है।
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