बिलासपुर. वन मंत्री मोहम्मद अकबर सोमवार को कानन पेंडारी स्मॉल जू में सफेद बाघ विजय की मौत के मामले की जांच करने पहुंचे थे. मंत्री के वापस आते ही अफसरों का मनमाना रवैया देखने को मिला. प्रदूषण के कारण पेट्रोल-डीजल की गाड़ियां प्रतिबंधित है इसके बावजूद अफसर प्रदूषण युक्त सरकारी गाड़ी से कानन पेंडारी जू में घूमते रहे.
अधिकारी सरकारी नियम कानून को ताक पर रखकर बैट्री चलित कार मौजूद होने के बावजूद मनमानी करते हुए सरकारी वाहन से पूरा जू घूमा है. जिन अफसरों ने सरकारी गाड़ी से जू का सैर किया है उनमें पीसीसीएफ कौशलेंद्र सिंह, अचानकमार टाइगर रिजर्व के डाएरेक्टर पी के केशर, डीएफओ संदीप बगला, कानन पेंडारी के जू अधीक्षक एचबी खान शामिल है.
अब सरकारी अफसर ही नियमों की अवहेलना करेंगे तो आम जनता क्या करेंगी. जो दूसरों को इसकी जानकारी देकर प्रदूषण रोकने की पहल करेंगे वहीं अब प्रदूषण फैला रहे हैं. ऐसे में इन अफसरों पर भी नियम तोड़ने पर कार्रवाई की जानी चाहिए. जिससे की बाकी अफसरों और आम लोगों को इससे सीख मिले. इसकी जानकारी वन मंत्री को लगती है तो वो भी जरुर इस पर गंभीरता से विचार कर सकते हैं.
बता दें कि कानन जू के केज में 27 दिसंबर की रात सांप काटने से सफेद बाघ की मौत हो गई थी. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वन मंत्री ने शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से बंद कमरे में पूछताछ की. उन्होंने कहा कि संरक्षित वन्य जीव सफेद बाघ की मौत की जानकारी मिली तो जरूरी था, कि यहां आकर जांच की जाए. जू में पहले भी वन्यप्राणियों की मौत की कई घटनाएं हो चुकी हैं.