रायपुर. शिक्षक मोर्चा संघ के प्रांतीय संचालक वीरेन्द्र दुबे ने आज एक विज्ञप्ति जारी कर राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया. उन्होंने विज्ञप्ति में कहा कि कोई भी कर्मचारी संगठन अपने साथियों के हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ही कार्य करता है. इस क्रम मे सरकार के साथ विरोध स्वाभाविक है. यही कारण है कि पिछले 17 वर्षो से शिक्षाकर्मियों ने अपने संवैधानिक एवं वैधानिक अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और संघर्ष किया. इसका सकारात्मक परिणाम मिला है. उनकी मांगों के आगे सरकार को झुकना पड़ा और सरकार ने उनकी मांगों को सही और संवैधानिक मानते हुए, उनके पक्ष में कार्य किया है लेकिन सरकार के विरोध से बचने के लिए संगठन उनके इशारे पर कार्य करे यह हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है.
दुबे ने कहा कि हम सब राष्ट्रवादी विचारधारा के समर्थक हैं तथा समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से समझते हैं और उसका समुचित निर्वहन भी कर रहे हैं, यही कारण है कि हमने 50 लाख बच्चों के भविष्य को देखते हुए अपने सफल अभियान को बीच में ही स्थगित कर दिया. अपने वैधानिक और संवैधानिक अधिकारों के लिए विकल्पहीनता की स्थिति में आंदोलन करना पड़ता है और हम इससे पीछे नहीं हटेंगे. वीरेन्द्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद से ही हमारा संगठन किसी भी राजनीतिक पार्टी अथवा समर्थित संगठन के सहयोग से नही चला, हमने अपना संघर्ष संवैधानिक दायरों में रहकर किया है. किसी सरकार समर्थित संगठन के मार्गदर्शन में बनने या चलने वाले संगठन का अस्तित्व हमें कतई स्वीकार्य नही है.