अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार। जिले के सिमगा विकासखंड के ग्राम दरचुरा स्थित जलाशय का एक हिस्सा फूट गया, जिससे पानी गांव में घुस गया। ग्रामीणों को अपनी जान बचाने घरेलू सामान को घरों में छोड़कर भागना पड़ा। अब सवाल सामने आ रहा है कि जलाशय अचानक फूट कैसा और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। आखिर इस हालात को पैदा करने की जिम्मेदारी किसकी है। क्या संबंधित विभाग के अधिकारी जलाशय को देखने नहीं गए। जलाशय में लगातार दबाव बढ़ने से यह हालात उत्पन्न हुए, यह जांच का विषय है। क्या अब जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।

सूत्र बताते हैं कि जलाशय के रखरखाव के लिए करोड़ों की राशि आती है। नहर सफाई के नाम पर प्रतिवर्ष राज्य शासन राशि उपलब्ध कराती है ऐसे में यह राशि कहा गई। क्या जिम्मेदार अधिकारियों ने जलाशय की मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया। यदि ऐसा है तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

ग्रामीणों ने बताई अपनी व्यथा

ग्रामीणों का कहना था कि यदि अधिकारियों ने ध्यान दिया होता और विगत पांच दिनों से लगातार बारिश को देख बांध का पानी नहरों के माध्यम से छोड़ दिए होते तो शायद यह हालात उत्पन्न नहीं होते। अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया और उनकी गलती का खामियाजा हम ग्रामीणों को भुगतना पड़ा। ग्रामीणों ने कहा कि घर में रखे घरेलू सामान के साथ राशन आदि सब खराब हो गया। वहीं बच्चों की स्कूल की कापी किताब सब पानी के कारण खराब हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि चालीस वर्षों में यह पहला मौका है कि इस तरह के हालात उत्पन्न हुए है। अधिकारियों पर कार्रवाई के साथ नुकसान की भरपाई होनी चाहिए।

गांव में प्रशासनिक अमला रहा सक्रिय

इधर कलेक्टर दीपक सोनी ने गांव की हालात का लगातार जायजा लेते रहे और पूरी मदद, जो शासन की ओर से तात्कालिक की जानी चाहिए पूरा किया। वही उन्होंने प्रशासनिक अमले को सतत निगरानी रखने के निर्देश भी दिए। तहसीलदार नीलमणि दुबे गांव में मौजूद रहे और रात्रि में ही ग्रामीणों को एसडीआरएफ व नगर सेना की मदद से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। पुलिस प्रशासन की भी टीम गांव में मौजूद रही।

अब देखना यह होगा कि इस घटना और ऐसे हालात उत्पन्न की जांच होती है और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होती है या नहीं।