शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के कई दिन बाद भी बीजेपी यहां सीएम के नाम का एलान नहीं कर सकी है। इस बीच नवनिर्वाचित विधायक सोमवार यानी आज विधायक दल का नेता चुनने के लिए बैठक करेंगे। इस बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो सकती है।

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पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों के सुबह 11 बजे भोपाल बीजेपी कार्यालय पहुंचने की उम्मीद है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा शामिल हैं। बैठक बीजेपी कार्यालय में शाम 4 बजे से शुरू होगी। 

विधायक दल की बैठक से पहले बीजेपी विधायकों को पार्टी से निर्देश दिए गए है कि मुख्यमंत्री के नाम पर मीडिया से बोलने से बचें।भाजपा विधायकों को 1 बजे बीजेपी कार्यालय बुलाया गया है। 1 से 3 बजे तक पंजीयन एवं सामूहिक लॉन्च का कार्यक्रम रखा गया है। लंच के बाद सभी विधायकों का सामूहिक फोटो ली जाएगी। इसके बाद पर्यवेक्षको की उपस्थिति में विधायक दल की बैठक दोपहर 4 बजे से शुरू होगी।

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बता दें कि बीजेपी ने 17 नवंबर को हुए चुनाव में 230 सदस्यीय विधानसभा में 163 सीट जीतकर मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस 66 सीट के साथ दूसरे स्थान पर रही। भाजपा ने चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर किसी को पेश नहीं किया था और एक तरह से पूरा प्रचार अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर टिका था।

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वर्ष 2004 के बाद से यह तीसरी बार है, जब भाजपा ने मध्य प्रदेश में केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे हैं। अगस्त 2004 में जब उमा भारती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, तो पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद महाजन और अरुण जेटली को राज्य में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के रूप में भेजा गया था।

नवंबर 2005 में जब बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, तो विधायकों को नया मुख्यमंत्री चुनने में मदद करने के लिए राजनाथ सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया था। उस वक्त शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना गया था।

इस बार भाजपा ने चौहान को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए बिना विधानसभा चुनाव लड़ा। चौहान चार बार के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने 2005, 2008, 2013 और 2020 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।चौहान की तरह ओबीसी समुदाय के प्रह्लाद पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिमनी के नवनिर्वाचित विधायक नरेंद्र तोमर, इंदौर के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय, राज्य इकाई के प्रमुख वी डी शर्मा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं।

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