आय प्रमाण पत्र,जाति प्रमाण पत्र,निवास प्रमाण पत्र जमीन का नामान्तरण में कठिनाई,कांग्रेस किया तहसील के सामने पोलखोल अभियान
30 हजार लोगों की जमीन का नामान्तरण लम्बित-विकास उपाध्याय

रायपुर। प्रमाण पत्र,निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र बनाने में हो रही देरी एवं जमीन का सीमांकन,नामान्तरण,डायवर्शन में हो रही परेशानी एवं इस कार्य मे लगे विधिक सहयोगियों की दिक्कतों को लेकर शहर जिला कांग्रेस कमेटी रायपुर के द्वारा तहसील कार्यलय के सामने पोल खोल अभियान चलाया गया। इस दौरान तहसील कार्यालय के बाहर ही कांग्रेस ने कुर्सी-टेबल लगाकर अपनी दफ्तर सजा ली.  टेबल में एक कार्यकर्ता अधिकारी बनकर बैठता है जो दफ्तर में ही सोया हुआ दिखता है. जब आवेदक उसे जगाता है और आवेदन देता है तो फिर वो पुनः सो जाता है. फिर आवेदक उसको उठता है और दो हजार रुपये का नोट देता है तो अधिकारी उसके आवेदन पर दसखवत करता है.  ऐसे आरोपों के साथ कांग्रेस ने सरकारी व्यवस्था पर नुक्कड़ प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने तहसील में प्रदर्शन कर पोल खोला और अनुविभागीय अधिकारी को जिला कांग्रेस विधि एवं मानव अधिकार विभाग द्वारा ज्ञापन भी दिया गया।

शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विकास उपाध्याय ने तहसील से सम्बंधित कार्यो में होने वाली देरी और गफलतबाजी के लिए राज्य कि भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया उन्होंने कहा तहसील ही नही कोई भी सरकारी दफ्तर में आप चले जायें वहाँ इस प्रकार का अव्यवस्था का आलम मिलेगा। दफ्तर में कभी अधिकारी नही रहेगा अधिकारी रहेगा तो बाबू गायब रहेगा अगर दोनों मौजूद रहेंगे तो भी बिना लेनदेन का सीधा मुंह बात नही किया जाता है।विकास उपाध्याय ने कहा कि राजधानी में ही करीब 30 हजार ऐसे भूस्वामी है जो एक एक पैसा इकठ्ठा कर कड़ी मेहनत से अपने बच्चों को छाया देने 1000 फुट का प्लाट खरीदकर घर बनाने का सपना संजोये है लेकिन सरकार के एक तुगलकी निर्णय से उनका जमीन का नामान्तरण नही हो पा रहा है।उन्होंने कहा कि जून 2014 से अपरिवर्तित भूमि के 2250 फुट से कम की जमीन का नामान्तरण पर प्रतिबंध लगा गया है लेकिन रायपुर में लगभग 30 हजार भूस्वामी ऐसे है जो जून 2014 के पहले जमीन खरीदी किये थे जिनका रजिस्ट्री भी हो चुका था लेकिन इस तुगलकी निर्णय के कारण उनकी जमीन का नामान्तरण नही ही पा रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूल और सरकारी नोकरी के लिए आय प्रमाण पत्र,निवास प्रमाण पत्र,जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ती है लेकिन सही समय मे ये प्रमाण पत्र आवेदक को नही मिलता जिसके कारण छात्रों को छात्रवृति से वंचित होना पड़ता है और उनकी पढ़ाई में बाधा पहुंचती है ठीक वैसे से शासकीय नोकरी भी प्रमाण पत्र नही होने के कारण उनके हाथ से छूट जाता है। उन्होंने इस अव्यवस्थाओ के लिए राज्य की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया.