नासिर बेलिम, उज्जैन। उज्जैन ट्रैफिक पुलिस (Ujjain traffic police) की कारस्तानी की कारगुजारी जगजाहिर है। उज्जैन में रहने वाला या यहां दूसरे जिले या दूसरे राज्यों से आने वाले लोग भलिभांति जानते हैं। देश भर से लोग उज्जैन धार्मिक नगरी भ्रमण पर आते हैं। देव दर्शन कर जाते हैं, लेकिन अच्छे मन से आने वाले श्रद्धालुओं की गाड़ियों को आउट ऑफ स्टेट देख उज्जैन पुलिस रोककर मनमानी वसूली करते हैं। ताजा मामला तमिलनाडु के एक टैंकर ड्राइवर का है। टैंकर ड्राइवर उज्जैन की भ्रष्ट ट्रैफिक पुलिस से इतना दुखी हुआ कि देश का नंबर-1 भ्रष्ट पुलिस का खिताब दे  डाला। 

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उज्जैन की ट्रैफिक की ऐसी ही एक करतुत सामने आई है, ट्रैफिक पुलिस के चार पुलिस कर्मियों ने तमिल पासिंग एक टैंकर को रोका और नो एंट्री का हवाला देकर कार्यवाई के नाम पर डराया। पुलिस ने टैंकर चालक से 10 हजार रुपए की डिमांड की। 10 हजार रुपए नहीं दोने पर टैंकर में एक जवान बैठ गया और ट्रक को आगर रोड पर इधर से उधर घुमाने लगा और तब तक घुमाया जब तक मामला जम ना जाए। जब मामला नहीं जमा तो टैंकर को जब्तीा के नाम पर ये कह कर बन्द पड़े चिमनगंज थाने पर खड़ा करवा दिया की टैंकर पर कानूनी कार्रवाई होगी। इसी के साथ रिश्वत की राशि भी कम कर दी।

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ट्रैफिक पुलिस अब ट्रक ड्राइवर से 10 हजार की जगह 8 हजार रुपए मांगने लगे। ट्रक ड्राइवर ने 8 हजार रुपए भी देने से इंकार कर दिया। इसके बाद ट्रैफिक पुलिस 6 हजार रुपए पर आ गई। ड्राइवर ने 6 हजार भी देने में असमर्थता जताई तो दो घंटे से ज्यादा समय तक ट्रक को खड़े रखने के बाद 2500 रुपए लेकर छोड़ दिया।

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Lalluram.Com से बात करते हुए टैंकर चालक सुब्रमन्यु ने बताया कि वह हिमाचल से इंदौर केमिकल लेकर जा रहा था। हिंदी नहीं आने के कारण वह रास्ते में मार्ग दर्शाने वाले बोर्ड नहीं पढ़ सका। मोहन नगर गोल चौराहे से दरगाह तरफ आया और पुलिस वालों ने रोक लिया। जबकि वह मेरे पीछे थे और शायद गलत रास्ते पर चलने का इंतजार कर रहे थे। जैसे थोड़ा सा आगे बढ़ा और रोक लिया। वो मुझे सही रास्ते पर जाने का बता सकते थे लेकिन उन्हें तो निशाना बनाना था। हमारे यह ज्यादा से ज्यादा 100 से 200 रुपए का चालान बनता है। यहां तो 10 हजार मांगते हैं। और रशीद भी नहीं देते हैं। ये देश की नम्बर एक भ्रष्ट्र पुलिस है।