डेस्क। भालुओं का जापान में गुस्सा बढ़ते ही जा रहा है। भालू शहरी इलाकों में आकर लगातार लोगों पर हमले हो रहे हैं। भालुओं के हिंसक होने की वजह से आम आदमी की ही नहीं बल्कि सरकार की नींद भी उड़ा दी है। इस बीच सरकार ने चौकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं। इसके अनुसार एक साल में भालुओं के 198 हमले दर्ज किए गए हैं। अब इससे निपटने के लिए सरकार AI का इस्तेमाल कर रही है। माना जा रहा है कि AI की मदद से से जंगली भालू किस जगह पर हैं इसकी सही जानकारी लग जाती है। के होने पर  पता ठीक लग सकता है। लोगों को परेशानी से निकालने के लिए नई तकनीक पर काम हो रहा है।

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जापान गवर्नमेंट का पहला टारगेट जंगली भालू का फुटेज जरिए पहचान करना है। दूसरा टारगेट है संभावित खतरे को देखते हुए एजेंसियों को अलर्ट करना। इसके तहत जल्द ही टोयामा स्टेट में टेस्टिंग शुरू होने वाली है। इसी के साथ जनता को सुरक्षा देना भी सरकार की प्राथमिकता है।  

 पिछले साल जापान के 19 स्टेटों में 198 हमले भालुओं ने किए हैं। 6 लोगों की हमलों में मौत हुई है, 219 घायल हुए हैं। लोगों की सुरक्षा को लेकर सरकार चिंता में है। हमलों का कारण घटती खाद्य सामग्री, कम फसलें होना और इंसानों का अतिक्रमण करना माना जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में कमी हो रही है।

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जापान में भालू दिखने को कुमा कहते हैं। कहा जाता है कि जहां पर शोर होता है, वहां ये नहीं जाते हैं। साथ ही अच्छी वनस्पति वाली जगह पर ही यह रहना पसंद करते हैं। जापान में फिलहाल काले भालू 40 हजार हैं। 2012 में इनकी आबादी 15 हजार थी। डाटा में होक्काइडो शामिल नहीं है। यहां भूरे भालू 12 हजार हैं। जो 1990 के बाद दोगुने हो गए हैं। इवाते प्रान्त के हनामाकी शहर में फिलहाल भालू निवासों का पता करने का काम चल रहा है। यहां पर 30 कैमरों का उपयोग करके एक निगरानी प्रणाली लागू की गई है।

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