Why Not To Rotate Japa Mala In Reverse: माला से जप करना हमारे धर्म में बहुत पवित्र माना गया है. लेकिन आपने अक्सर सुना होगा कि माला को उल्टा नहीं फेरना चाहिए. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों कहा गया है?
मान लीजिए आप सीढ़ियाँ चढ़ रहे हैं. हर सीढ़ी आपको ऊपर ले जाती है. अब अगर आप उल्टी दिशा में चलें, तो आप नीचे उतरने लगते हैं. ठीक यही बात जप माला पर भी लागू होती है.
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Why Not To Rotate Japa Mala In Reverse
जब आप माला को सही दिशा में फेरते हैं यानी अंगूठे और बीच की उंगली से शरीर की ओर खींचते हुए, तो यह माना जाता है कि आपकी ऊर्जा अंदर की ओर जा रही है, मन शांत हो रहा है, और आप भगवान से जुड़ रहे हैं. लेकिन अगर आप माला को उल्टा फेरते हैं यानी मनकों को धकेलते हुए या अंगुलियों से बाहर की ओर, तो ऐसा माना जाता है कि आपकी एकाग्रता टूटती है और साधना का असर कम हो जाता है.
Why Not To Rotate Japa Mala In Reverse. संतों का कहना है कि माला फेरना केवल गिनती करना नहीं है, यह एक साधना है और साधना में हर बात का एक सही तरीका होता है. जिस तरह किसी पूजा में दीया उल्टा नहीं जलाया जाता, उसी तरह माला भी उल्टी नहीं फेरी जानी चाहिए. माला के सबसे बड़े मनके को ‘मेरु’ कहा जाता है. उसे कभी पार नहीं किया जाता. जब 108 मनके पूरे हो जाएँ, तो वहीं से माला पलटा दी जाती है, पर दिशा नहीं बदली जाती.
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