लखनऊ. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में BJP ने 29 सीटें गवां दीं. सपा ने बीजेपी को 33 सीटों पर समेट दिया. BJP के 7 केंद्रीय मंत्री और 2 यूपी सरकार के मंत्री इस चुनाव में अपनी सीट गवां दिए. इसी तरह 2019 के चुनाव में 10 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली बसपा का पूरे प्रदेश से सूपड़ा साफ हो गया.

बताया जा रहा है कि भयानक हार से बीएसपी में मायावती काफी दबाव में हैं. 10 सांसदों वाली पार्टी फिर से खाता खोलने तक को तरस गई. बीएसपी का वोट शेयर सिंगल डिजिट पर लुढ़क गया. कभी 30 प्रतिशत वोट शेयर वाली पार्टी आज 9 प्रतिशत पर पहुंच गई है. एक विधायक और कोई सांसद नहीं.

पतन के तलातल में पहुंची बीएसपी में आंतरिक नाराजगी जबरदस्त फैली हुई है. पार्टी के जिम्मेदारों का मानना है कि अब बहन जी को अपनी राजनीतिक भूमिका बदलकर पार्टी की पूरी कमान आकाश आनंद को देनी चाहिए.

बहन जी अपनी भूमिका बदलें

इधर, चंद्रशेखर आजाद की बड़े राजनीतिक उभार के बाद मायावती के लिए अपनी पार्टी की बची जमीन को सहेज पाने की चुनौती है. हालांकि बीएसपी में अभी खुले तौर पर कोई नहीं बोल रहा है, लेकिन आपसी बैठकों में यही बात चल रही है कि बहन जी अपनी भूमिका बदलें.

मायावती जल्दी बुला सकती हैं पार्टी की मीटिंग

सूत्रों के मुताबिक, बसपा सुप्रीमो मायावती जल्दी ही पार्टी की जल्दी ही मीटिंग बुला सकती हैं. सतीश चंद्र मिश्रा से उन्होंने पार्टी की हार की रिपोर्ट भी ली है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस हार के बाद मायावती भतीजे आकाश आनंद को बसपा की कमान सौंप सकती हैं.

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