नई दिल्ली। आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है, जिसके हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. विपक्ष सरकार को घेरने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देगा. वहीं सरकार की कोशिश रहेगी कि वो जल्द से जल्द अपने बिलों को पास करा सके.
इस बार संसद का शीतकालीन सत्र 5 जनवरी तक चलेगा. जिसमें 14 दिन सदन की कार्यवाही चलेगी. अब इतने कम दिनों में बिलों को पास करवाना सरकार के लिए चुनौती होगी. आज लोकसभा में टीएमसी सांसद सुल्तान अहमद को श्रद्धांजलि दी जाएगी.
विपक्ष के पास मुद्दों की लिस्ट तैयार
कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां भाजपा सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेर सकती है. खासतौर पर जिस तरह से गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान कांग्रेस और भाजपा में जो तल्खी दिखी, उसका असर सदन में देखने को मिल सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर टिप्पणी की थी, वो मुद्दा कांग्रेस उठा सकती है. वहीं कल जिस तरह से कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए, उससे भी संसद गरमा सकता है.
ईवीएम, अमित शाह के बेटे जय शाह का मामला, राफेल डील की खरीदी पर सफाई जैसे तमाम मुद्दे हैं, जिस पर हंगामा होने के पूरे आसार हैं. जीएसटी, नोटबंदी, अर्थव्यवस्था और किसानों से जुड़े मुद्दे भी विपक्ष उठाएगा.
राज्यसभा में शरद यादव और अनवर अली की सदस्यता को लेकर भी हंगामा हो सकता है. इन्सालवेंसी एंड बैंकरप्सी कोड संशोधन विधेयक और वस्तु एवं सेवा कर (मुआवजा) अध्यादेश पर विपक्ष के सवालों का जवाब भी सरकार को देना होगा.
बैंकों, बीमा कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के डूबे हुए पैसों के निस्तारण के लिए तैयार विधेयक फ़ाइनेंसियल रिजोल्यूशन एंड डिपोजिट इंश्योरेंस (एफ़आरडीआई) बिल सरकार की तरफ से पेश होने वाले बिलों में सबसे अहम है. जानकार मानते हैं कि इस पर भी विपक्ष सरकार को घेर सकती है.
सत्र में 14 बिल होंगे पेश
शीतकालीन सत्र में सरकार 14 बिल पेश कर सकती है. इसमें सबसे अहम है तीन तलाक को लेकर पेश होने वाला बिल. इसके तहत तीन तलाक देने वाले व्यक्ति को तीन साल तक की सजा हो सकती है.