रायपुर. वेदांता अस्पताल का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में आये दिन नये नये खुलासे हो रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस ने एक बड़ा खुलासा किया है. कांग्रेस की मानें तो वेदांता को अस्पताल के लिए बिना वित्त विभाग की सहमति के ही जमीन एक रूपये की प्रीमियम पर दे दी गई थी और अब उसी गलती को सुधारने के लिए सरकार की ओर से वेदांता पर 34 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री मोहम्मद अकबर का आरोप है कि वेदांता को 1 रूपये में जो जमीन का आवंटन किया गया है, उसके लिए वित्त विभाग की ओर से सहमति नहीं ली गई है और इसी गलती को सुधारने के लिए चुनाव के पहले सरकार की ओर से ये जुर्माने की कार्रवाई की गई है. अकबर का आरोप है कि वित्त विभाग को वेदांता की फाईल तीन चार बार सहमति के लिए भेजी गई थी, लेकिन हर बार विभाग ने इस फाईल को लौटा दिया क्योंकि यह आवंटन त्रुटिपूर्ण था.अब इन सारी चीजों को सुधारने के लिए सरकार ने एमओयू को निरस्त कर उसे आवंटित कर दिया. जिससे आगे चलकर कोई दिक्कत न आये.

अकबर ने मामले को स्पष्ट करते हुए बताया कि दरअसल पहले किये गये एमअोयू में अस्पताल के लिए एक रूपया टोकन मनी दर पर जमीन इस अाधार पर देने की बात कही गई थी. अस्पताल चैरिटी यानि धर्मार्थ काम करेगा. यहां गरीबों को मुफ्त में इलाज किया जाएगा लेकिन बाद में वेदांता ने एमअोयू में लिखी शर्तों को मानने से इनकार कर दिया. अस्पताल को सुपर स्पेशियालिटी बना दिया गया है. अब यहां हर मरीज का इलाज व्यावसायिक दरों पर किया जाएगा.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की नई राजधानी नया रायपुर में वेदांता समूह के धर्मार्थ अस्पताल को व्यावसायिक अस्पताल में बदलने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. विपक्षी दलों ने इस पूरी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं. विपक्ष का कहना है कि वेदांता समूह के वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउन्डेशन को लगभग 10 वर्ष पूर्व अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कैंसर अस्पताल के निर्माण के लिए राजधानी के सड्डू इलाके में जमीन आवंटित की गई थी . राज्य सरकार के साथ कम्पनी ने इसके लिए एमओयू भी किया था. बाद में कम्पनी ने इस जमीन को कम बताते हुए सरकार से नया रायपुर में जमीन आवंटित करने का अनुरोध किया, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया.

सूत्रों के अनुसार नया रायपुर विकास प्राधिकरण ने अस्पताल के लिए 34 एकड़ तथा वृक्षारोपण के लिए 17 एकड़ जमीन आवंटित की. समूह द्वारा अस्पताल के निर्माण में थोड़ा काम शुरू कर उसे बढ़ाने में रूचि लेना बन्द कर दिया. राज्य सरकार ने इसके बाद उसे कई नोटिस भी दिए. स्वास्थ्य मंत्री अजय चन्द्राकर ने गत दिसम्बर में कहा था कि अगर मार्च तक अस्पताल शुरू नहीं हुआ तो सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी. वेदांता का अस्पताल तो आज से शुरू हो रहा है,लेकिन अन्तर इतना है कि वह व्यावसायिक अस्पताल हैऔर गरीबों का भी यहां इलाज मुफ्त में नही होगा.