नई दिल्ली। दिल्ली-अमृतसर-कटरा कॉरिडोर अगले दो साल में बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा. इस एक्सप्रेसवे कॉरिडोर के बन जाने से दिल्ली से वैष्णो देवी के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालु महज 7 घंटे में ये यात्रा पूरी कर लेंगे. इससे उनके 5 घंटे के अतिरिक्त समय की बचत होगी. इस समय दिल्ली से वैष्णो देवी सड़क मार्ग से जाने में कुल 12 घंटे का समय लगता है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के विरोध-प्रदर्शन के बीच बढ़ाया गया मानदेय, वर्कर्स का मानदेय 9,678 से बढ़कर हुआ 12,720 और हेल्पर्स का मानदेय 4,839 से बढ़कर हुआ 6,810 रुपए

 

लंदन की टेम्स नदी पर बने टावर ब्रिज की तरह होगा व्यास नदी पर बना ब्रिज

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत आने वाले दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे कॉरिडोर का निर्माण नेशनल हाईवे ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा किया जा रहा है. NHAI का लक्ष्य है कि इस प्रोजेक्ट को जून 2024 तक तैयार कर लिया जाए. इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात व्यास नदी पर बनने वाला ब्रिज है. इस ब्रिज का निर्माण लंदन की टेम्स नदी पर बने टावर ब्रिज की तरह किया जाएगा. ब्रिज के ऊपर रेस्टोरेंट बनाए जाएंगे और दूर तक के नजारे को लोग आसानी से देख सकें, इसके लिए ऑब्जर्वेटरीज का भी निर्माण कराया जाएगा.

 

दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे कॉरिडोर की कुल लागत 39,500 करोड़ रुपए

इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 39,500 करोड़ रुपए है. इस एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के बन जाने से दिल्ली और अमृतसर के बीच की दूरी भी महज 5 घंटे की रह जाएगी. इस समय यह फासला तय करने में 8 घंटे का समय लगता है. शुरुआत में यह एक्सप्रेसवे 4 लेन का होगा, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 8 लेन कर दिया जाएगा. पर्यावरण को हरा-भरा रखने के लिए इस कॉरिडोर पर 15 लाख पेड़ लगाए जाएंगे. इस पर लोगों को 40 तरह की जनसुविधाएं दी जाएंगी. इस एक्सप्रेसवे पर राज्यों और बड़े शहरों के लिए 35 इंटरचेंज का निर्माण किया जाएगा.

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इस प्रोजेक्ट से अन्य शहरों को भी होगा फायदा

ये प्रोजेक्ट वैष्णो देवी मंदिर, स्वर्ण मंदिर, पंजाब में ही खडूर साहिब, गोबिंदलाल साहिब और सुल्तानपुर लोदी जैसे धार्मिक स्थलों को जोड़ेगा. इस एक्सप्रेसवे से रोहतक, लुधियाना, खडूर साहिब, जालंधर, बटाला, गुरदासपुर, पठानकोट, कठुआ, सांबा, जम्मू और कटरा जैसे शहर जुड़ जाएंगे.