किसानों ने सरकार को बड़ी संख्या में आत्महत्या करने की धमकी दी है. ऐसा उन्होंने इसलिए कहा हैं क्योंकि सरकार की कर्जमाफी सूची में उनका नाम शामिल है जबकि उनके ऊपर कोई बकाया राशि नहीं है और न ही सूचीबद्ध लोगों की तुलना में उन्होंने कर्ज लिया है. मध्यप्रदेश के हिल्गन गांव के नाराज किसान शनिवार को फर्जी सूची के खिलाफ पंचायत दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए.
भोपाल. किसान रामकुमार सिंह लोधी ने कहा, ‘यदि इस मामले को जल्द नहीं निपटाया जाता है तो हम बड़ी संख्या में आत्महत्या करेंगे’ लोधी का नाम उन लोगों की सूची में शामिल है जो कर्ज में डूबे हुए हैं. इस सूची में केवल उनका ही नाम शामिल नहीं है बल्कि उनके पिता का नाम भी है जिनकी कुछ सालों पहल मौत हो चुकी है.
राज्य सरकार ने पहले ही फर्जी शिकायतों की जांच करने की मांग की है. इसका पता सूची जारी होने के बाद चला. कर्जमाफी घोटाले के मामले में पहली गिरफ्तारी शुक्रवार को सुसनेर के आगर-मालवा से हुई. मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि सालों से घोटाला हो रहा है और यह 2,000 करोड़ रुपये से ऊपर जा सकता है.
लोधी ने कहा, ‘कर्ज आपको मालूम है इस दुनिया का सबसे भयानक पाप है. जब किसान ऋण माफी योजना के तहत प्रदर्शित किसानों की सूची में मेरे पिता के नाम के आगे 9,547 रुपये का उल्लेख किया गया है. जबकि मेरे नाम के आगे 70,481 रुपये लिखे हुए हैं.’ हालांकि उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने चने की फसल के लिए कर्ज लिया था लेकिन उसकी राशि केवल 17,000 थी. उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता ने कभी कोई कर्ज नहीं लिया था’
दूसरे किसान ब्रजेंद्र सिंह ने कहा, ‘लगभग गांव के 100 किसान प्रभावित हैं. जिन लोगों ने कभी कर्ज नहीं लिया उन्हें बकायाधारक बनाया हुआ है.’ राज्य के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने कहा, ‘हम पहले ही जांच शुरू कर चुके हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन किसानों ने कर्ज नहीं लिया है उन्हें कोई परेशानी न हो’