अयोध्या. बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को डींगे हांकने वाले सिस्टम की पोल खोलने वाला एक मामला सामने आया है. जहां एक महिला ने झाड़ियां में नवजात को जन्म दिया. रुदौली सीएचसी से चंद कदम दूरी पर महिला अपने मासूम बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर हुई. क्योंकि यहां व्यवस्थाओं की कमी थी. इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग के बड़े-बड़े दावो की पोल खोलकर रख दी है. यहां पर सीएमओ की सख्ती महज कागजों पर ही दिखती है. असल में तो यहां पर अव्यवस्था का आलम है.
रुदौली में झाड़ियो में बच्चे के जन्म का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. बीते दिनों डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के औचक निरीक्षण में सीएचसी रुदौली में बड़ी खामियां पाई गई थीं. लेकिन दुर्भाग्यजनक स्थिति है कि मंत्री की फटकार के बाद भी सिस्टम जस का तस है.
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जानकारी के मुताबिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) रुदौली में किसी महिला डॉक्टर ने खून की कमी का हवाला देकर प्रसूता को जिला अस्पताल रेफर कर दिया था. बहरास गांव की राजकुमारी को उसके परिजन डिलीवरी के लिए सीएचसी रुदौली लेकर आए थे. जहां डॉक्टर ने उन्हें एनीमिया बताते हुए जिला अस्पताल अयोध्या भेज दिया. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस की व्यवस्था तक मुहैया नहीं कराई.
अस्पताल पहुंचने से पहले ही करनी पड़ी डिलीवरी
प्रसूता को जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. आसपास की महिलाओं ने साड़ी से घेरा बनाकर सड़क पर ही उसकी डिलीवरी कराई. वहीं इस मामले में सीएचसी की ओर से कहा गया कि एंबुलेंस की सुविधा दी जा रही थी. उनके अनुसार, परिजन महिला को पास के निजी नर्सिंग होम ले गए थे. वहां इलाज नहीं होने पर लौटते समय सड़क पर प्रसव हो गया. वर्तमान में मां और बच्चे दोनों का इलाज सीएचसी में चल रहा है.
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