शब्बीर अहमद, भोपाल। देश में महंगाई के दौर में 5 रुपये के बिस्किट से लोगों का सुबह का नाश्ता नहीं होता, तो वहीं मध्य प्रदेश में 4 रुपये में कुपोषित बच्चों का कुपोषण दूर करने का दावा सरकार की तरफ से किया जा रहा है, लेकिन कुपोषित बच्चों के आंकड़े देखेंगे तो समझ आएगा की ये ऊंट के मुहं में जीरे के बराबर है।
एमपी विधानसभा में कांग्रेस विधायक के सवाल पर महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि अति कुपोषित बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल संवर्धन योजना चल रही है। इसके तहत ही राशि दी जा रही है। मंत्री ने यह भी बताया कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण भोजन के लिए चार रुपए का खर्च किया जा रहा है। जबकि दूसरे सवाल में मंत्री ने बताया कि 5 लाख 41 हजार से अधिक बच्चे कुपोषित है।
कुपोषण दूर करने का काम कर रही सरकार- मंत्री निर्मला भूरिया
कुपोषण के मामले में मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि यह मध्य प्रदेश की समस्या नहीं बल्कि विदेशों में भी यही समस्या है, लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार कुपोषण दूर करने का काम कर रही है। महिला बाल विकास से जुड़े हुए एक और सवाल पर मंत्री ने जवाब दिया कि मध्य प्रदेश में करीब 34000 से अधिक आंगनबाड़ी किराए पर चल रही है। इसके अलावा 4044 से अधिक जर्जर स्थिति में है। हालांकि किराए का सवाल आया तो मंत्री ने बताया कि सरकारी स्कूल और अन्य भवनों में आंगनबाड़ी संचालित किया जा रहा है।
कांग्रेस ने पूछे ये सवाल
जोबट से कांग्रेस विधायक सेना पटेल का कहना है कि मंत्री ने यह नहीं बताया कि बच्चों को गुणवत्ताहीन भोजन दिया जा रहा है और मेन्यू के हिसाब से भोजन मिल रहा है। भला 4 रुपए में बच्चों का पेट कैसे भरेगा और बच्चे को पोषण से कैसे मुक्त होंगे यह बड़ा सवाल है।
अब जानिए क्या है कुपोषण दूर करने का सरकार के पास मेन्यू
सरकार ने सदन में जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को मीठी लापसी नाश्ते पर दी जाती है। दोपहर के भोजन में रोटी, सब्जी, दाल परोसा जाता है। वहीं मंगलवार को पौष्टिक खिचड़ी और दोपहर के भोजन में खीर, पूड़ी, आलू मटर की सब्जी होती है। बुधवार को मीठी लापसी और भोजन में रोटी, सब्जी, दाल परोसा जाता है। गुरुवार को नमकीन दलिया नाश्ते पर दिया जाता है। इसके अलावा दोपहर के भजन में वेज पुलाव और पकोड़े वाली कढ़ी होती है। शुक्रवार को नाश्ते में उपमा और लंच में रोटी, सब्जी, दाल परोसी जाती है। शनिवार को नाश्ते में मीठी लापसी और दोपहर के समय रोटी, सब्जी, दाल चावल और सांभर होता है।
अब सवाल यही है कि मध्य प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले 62 लाख से अधिक बच्चों को मेन्यू के हिसाब से पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है तो आखिर मध्य प्रदेश में कुपोषण का आंकड़ा घटने का नाम क्यों नहीं ले रहा है। क्यों कि मध्य प्रदेश में 5 लाख 41 हजार से बच्चे कुपोषित है।
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