रायपुर। महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने कहा है राज्य में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण और एनीमिया को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा तय किए गए लक्ष्य अनुरूप आगामी तीन वर्ष में राज्य में कुपोषण दूर किया जाना है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मैदानी स्तर के सभी अधिकारी और कर्मचारी सक्रियता से जुट जाए. उन्होंने कहा कि सुपोषण अभियान में लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी. वे आज राजधानी के न्यू सर्किट हाउस में मैदानी स्तर पर कार्य करने वाले विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थीं.

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर लिया जाए, गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को पोषण पुर्नवास केन्द्रों में भर्ती कराया जाए. उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों के पहचान के लिए नियमित रूप से वजन लेना जरूरी है. पोषण पखवाड़े के दौरान सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में 8 से 22 मार्च तक केन्द्र में दर्ज बच्चों का वजन अनिवार्य रूप से लिया जाए. कोई भी बच्चा वजन लेने से न छूटे. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि हर गर्भवती शिशुवती माताओं को रेडी-टू-इट आहार का वितरण किया जाए. इसी प्रकार बच्चों को गर्म भोजन और नास्ता बदल-बदलकर दिया जाए, जिससे कि बच्चों को यह रूचिकर लगे.

उन्होंने कहा निरीक्षण और पर्यवेक्षण से जुड़े अधिकारी आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करें और वहां रेडी-टू-इट पोषण आहार तथा नास्ता और गर्म भोजन की गुणवत्ता जांचे. महिलाओं को इन पोषण आहारों के नियमित सेवन के लिए समझाईस दी जाए. उन्होंने कहा कि पोषण पखवाड़ा के दौरान जनभागीदारी से भी बच्चों के लिए नए-नए व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं, इसके लिए स्थानीय स्तर पर पहल की जाए. ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण संबंधी जागरूकता के लिए पोषण रथ, जिला और विकासखण्ड स्तर पर पोषण मेला आयोजित किए जाए. मुख्यमंत्री कन्या दान योजना का लाभ अधिक से अधिक दिलाने के लिए सभी अधिकारी प्रयास करें.

महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बैठक में कहा कि सुपोषण चैपाल में महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग का आपस में बेहतर समन्वय होना चाहिए. वजन त्यौहार मिशन मोड में अभियान संचालित किया जाए. सुपोषण मित्र योजना के तहत प्रत्येक कुपोषित बच्चे की माॅनिटरिंग की जाए. परदेशी ने पोषण पखवाड़ा की तैयारियों, आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन, कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के भरे एवं रिक्त पदो की समीक्षा की. बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के आयुक्त जन्मेजय महोबे सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे.