भूपेश सरकार की गोधन न्याय योजना से गौठानों में का करने वाली महिलाओं के घरों में धन बरस रहा है. गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ राज्य के गौपालकों, ग्रामीणों और किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण और उत्साहजनक योजना है. जिसका मुख्य उद्देश्य है ग्रामीण क्षेत्रों में जीवनस्तर को सुधारने, गौपालकों, ग्रामीणों और किसानों को समृद्धि प्राप्त करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए धरोहर (गोधन) के उपयोग को प्रोत्साहित करना है. सरकार के प्रयासों से अब इसका सुखद परिणाम दिखने लगा है.

बेमेतरा विकासखंड के गौठान ग्राम आनंदगांव में जय सतनाम महिला स्व-सहायता समूह को गोधन न्याय योजना के जरिए वर्मी कंपोस्ट सुपर कंपोस्ट उत्पादन समेत विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अब तक 4 लाख 19 हजार 493 रुपये की आमदनी हुई है. समूह ने अब तक कुल 1776 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट खाद का उत्पादन किया है और 1697 क्विंटल खाद बेच भी चुके हैं. समूह की अध्यक्ष लक्ष्मी बंजारे बताती हैं कि उन्हे जिला प्रशासन द्वारा वर्मी कंपोस्ट उत्पादन और खेती बाड़ी आदि का प्रशिक्षण भी दिलाया गया था. उन्होंने बताया कि उनकी समूह में 12 महिला सदस्य हैं, जो अपनी घरेलू काम-काज निपटाकर गौठान में वर्मी कंपोस्ट के साथ ही स्थानीय बाजारु मांग अनुसार विभिन्न घरेलू रसोई में उपयोग किए जाने वाले मशाले आदि भी बनाते हैं. इससे समूह की महिलाओं को अतिरिक्त आमदनी हो जाती है.

महिलाओं का बढ़ा मनोबल

वे आगे कहती हैं कि जो मुनाफा उन्हें होता है, उस राशि का उपयोग वे समूह की गतिविधि और सदस्यों में बांट देती हैं. जिससे आर्थिक रूप से महिलाओं की मदद हो सके. लक्ष्मी ने इन पैसों से जमीन और एक सदस्य ने दो पहिया वाहन खरीदा। महिला समूह की सदस्यों ने बताया कि गोधन न्याय योजना मे जुड़ने के बाद हमारी आर्थिक स्थिति में काफी ज्यादा सुधार आया है. इसके साथ ग्रामीण महिलाएं अपने बल पर अतिरिक्त आय प्राप्त कर पारिवारिक आर्थिक स्थिति को और बेहतर कर रही है. आज कि स्थिति में ग्रामीण स्तर पर शासन की हर भावी योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर उनके प्रति कार्य करने और अपनी बातों को ग्रामीण जनसमुदाय में स्पष्ट रूप से रख पाने में सक्षम हो गई है. ये सिर्फ गोधन न्याय योजना में जुड़ने से उनकी मनोबल बढ़ने के साथ सशक्त भी हुई है.

किसानों का मिल रहा प्रोत्साहन

लक्ष्मी ने बताया कि हमारे गौठान से उत्पादित वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट का उपयोग कृषि विभाग के कई योजनाओं जैसे फसल प्रदर्शन में किया जा रहा है. साथ ही सहकारी समिति के माध्यम से क्षेत्र के अन्य किसानों को इसे बेचा जा रहा है. जिससे किसान इसके महत्व को समझ रहे हैं. साथ ही जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं. महिला कृषक समूह के माध्यम से भविष्य में हर तरह की नई तकनीकी का उपयोग कर जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सभी तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. जिसमें वर्मी कंपोस्ट बनाने और उसके उपयोग के लिए अन्य कृषकों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.

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