लंदन. यूं तो आपने आशिकों की कहानियां सुनी होंगी. दिल हथेली पर लेकर चलने वाला जुमला भी कई बार सुना होगा. आपने शायद पहले कभी न सुना हो कि कोई इंसान अपना दिल अपने झोले में लेकर चलता है. हम आपको ऐसी ही एक महिला के बारे में बताएंगे जो अपना दिल अपने झोले में लेकर चलती हैं.
लंदन की रहने वाली 39 साल की सेल्वा हुसैन दिखने में तो एकदम सामान्य सी महिला लगती हैं लेकिन दरअसल वो बेहद खास हैं. खास इस मायने में कि इनका दिल इनके सीने में नहीं धड़कता है. इनका दिल इनके जिस्म में है ही नहीं. हुसैन का दिल एक बैग में पैक रहता है. दो बच्चों की मां सेल्वा हुसैन के दिल ने जुलाई में काम करना बंद कर दिया था. इन्हें इस साल जुलाई में हार्ट फेल होने के बाद लंदन के हरफील्ड हास्पिटल में भर्ती कराया गया. उनकी हालत देखते हुए हार्ट ट्रांसप्लांट मुमकिन नहीं था. ऐसे में उनके दिल जिसने काम करना बंद कर दिया था उसे सर्जनों ने निकाल दिया था. गौरतलब है कि हरफील्ड हास्पिटल हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए दुनिया का इकलौता बेहतरीन हास्पिटल माना जाता है.
अस्पताल ने सेल्वा की शारीरिक हालत देखते हुए बैटरी से चलने वाला आर्टीफीशियल दिल उनके शरीर से कनेक्ट किया. इसकी खास बात ये है कि इसमें दिल को पंप करने के लिए इलेक्ट्रिक मोटर लगी हुई है जो कि सेल्वा के फेफड़ों में पाइप के जरिए जरूरी आक्सीजन की सप्लाई करती है. जो कि उनके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन करने का काम करती है.
अस्पताल के डाक्टरों का शुक्रिया करते हुए हुसैन कहती हैं कि उन्होंने वाकई में आश्चर्यजनक काम किया है. उनकी वजह से ही मैं अपने परिवार के साथ नया साल मना सकूंगी. मैं दिल से उनकी आभारी हूं. दुनिया में अपनी तरह के इस अनूठे केस में डाक्टरों ने वाकई साबित किया है कि वो भगवान का रूप होते हैं. खासकर सेल्वा और उन जैसे तमाम लोगों के लिए तो डाक्टर किसी भगवान से कम नहीं हैं.