छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना जिले के पशुपालक किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है. साथ ही लोग भी आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं. इस योजना ने न्याय की नई परिभाषा दी है. साथ ही स्व-सहायता समूह की महिलाओं को विशेष रूप से रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है.

बस्तर के दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के लोहत्तर गौठान पशुपालकों के लिए आजीविका का साधन बना हुआ है. जिसमें 77 पशुपालकों ने 3709.54 क्विंटल गोबर बेचकर 07 लाख 41 हजार 908 रुपये आय अर्जित की है. कृषक कंवल सिंह ने बताया कि उन्हें 865 क्विंटल गोबर बेचकर 01 लाख 73 हजार रुपये की आमदनी हुई है. जिससे उन्होंने मोपेड खरीदी. बाकी बची राशि से कृषि कार्य के लिए आवश्यक सामग्री खरीदी. गोधन न्याय योजना शुरू करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने गोबर से भी जीविकोपार्जन का जरिया उपलब्ध कराया है. कृषक विजय मण्डावी बताते हैं कि उन्होंने 245 क्विंटल गोबर बेचकर 48 हजार 790 रुपये कमाए और इससे अपनी बेटी को नर्सिंग कॉलेज रायपुर में पढ़ाई करा रहे हैं.

आमदनी का अतिरिक्त जरिया

किसान रंभा ठाकुर कहती हैं कि उन्होंने 271 क्विंटल गोबर बेचकर 54 हजार 186 रुपये कमाए. कोरोना काल में गोबर बेचकर अपनी आजीविका को सुचारू रूप से चलाया. उन्होंने बताया कि गोबर बेचकर जो राशि उन्हें मिली उससे वे गांव में किराना दुकान चला रही हैं. जो उनके लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन गया है. उन्होंने बताया कि गौठान में कुल 3 महिला स्व-सहायता समूह काम कर रहे हैं. जय मां दंतेश्वरी स्व-सहायता समूह को बकरी पालन कर 60 हजार रुपये की आमदनी हुई. जिससे हर महिला को 15 हजार रुपये मिले.

लाखों का लाभ

इसी तरह जय मं संतोषी महिला समूह द्वारा सब्जी उत्पादन, आचार पापड़ उत्पादन, मसाला उत्पादन, दलहन उत्पादन, कस्टम हायरिंग सेंटर गोठान में हरा चारा उत्पादन का कार्य किया जा रहा है. इससे उन्हें 04 लाख 72 हजार रुपये की आय हुई है. जिसमें 04 लाख 21 हजार 500 रुपये की शुद्ध लाभ हुआ है. जाग्रति महिला स्व-सहायता समूह के 02 सदस्यों द्वारा 10 हजार रूपये का मशरूम विक्रय कर आय प्राप्त की गई. जय मां संतोषी महिला स्व-सहायता समूह और जय मां दंतेश्वरी स्व सहायता समूह के 14 सदस्यों द्वारा केंचुआ पालन कर 01 लाख 50 हजार रुपये और 1318 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन कर 13 लाख 18 हजार 300 रुपये की आवक हुई. जिससे उन्हें 05 लाख 16 हजार 985 रुपये शुद्ध लाभ हुआ है.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें