Women’s Day: प्रतीक चौहान. रायपुर. कारगिल में दुश्मनों से लड़ने वाले जवान का पारिवारिक प्रॉपर्टी विवाद के बाद पत्नी और बच्चों से भी विवाद होता चला गया. लेकिन आए दिन होने वाले विवाद से तंग आकर पत्नी अपने मायके चली गई.
कई बार उन्हें मनाकर जवान पत्नी को अपने साथ घर ले आते. लेकिन हालात इतने खराब हो गए कि फिर हुए विवाद के बाद पत्नी ने घर आने से ही मना कर दिया. लेकिन पुनः अपने ससुराल पहुंचे उक्त जवान ने इस बार आर या पार की ठान ली थी. वो एक बेहद खतरनाक प्लान के साथ अपनी पत्नी को मायके में मनाने गए थे. लेकिन इस बार बेटी का साथ पूरे मायके वालों ने दिया और अपने दामाद से स्पष्ट कह दिया कि अबकी बार वे अपनी बेटी को नहीं भेजेंगे.
कुछ वर्षों बाद आत्मघाती कदम के बाद पिता ने आत्महत्या कर ली. लेकिन मां की कड़ी मेहनत के बाद आज उनके दोनो बेटे अपने पैरों पर खड़े हैं और हम बात कर रहे है टीवी एंकर राजश्री थवाईत की. ये पूरा वाक्या उनकी मां के साथ हुआ. राजश्री कहती है कि आज वे जो भी है इसमें सबसे बड़ा योगदान मां का है, क्योंकि उन्होंने किस परिस्थितियों में उन्हें पाला वे इसे शब्दों में बया नहीं कर सकती है. वे कहती है कि जिस प्रॉपर्टी को लेकर उनके परिवार में विवाद होता था, अपने पिता को खोने के बाद उनके परिवार ने इस तरफ कभी झांक कर भी नहीं देखा.
#rajshrithawait 10 वीं पढ़ने के बाद ही बन गई थी न्यूज एंकर
राजश्री बताती हैं कि 10 वीं पढ़ने के बाद ही वे चाइल्ड न्यूज एंकर बन गई थी और रायपुर से दिल्ली उस वक्त वे अपने बुलेटिन का शूट करने फ्लाइट से जाया-आया करती थीं. यूनिसेफ से वे लंबे समय से जुड़ी रही और उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है. ये पुरस्कार उन्हें उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने प्रदान किया था. वे बताती है कि पढ़ाई में शुरू से होशियार रही है और स्कूल से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई में उन्होंने टॉप 3 में ही अपनी जगह बनाई है. #rajshrithawait