नई दिल्ली। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33% प्रतिशत आरक्षण का विधेयक लोकसभा ने पारित कर दिया. विधेयक के पक्ष में 454 सांसदों ने वोट किया, वहीं 2 सांसदों ने इसके खिलाफ वोट किया. ये दोनों सांसद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के हैं, जिनमें से एक पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और दूसरे औरंगाबाद सांसद इम्तियाज जलील शामिल हैं.

नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक के विरोध की वजह बताते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वे ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को शामिल करने के लिए लड़ रहे हैं. भारत में ओबीसी की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व 22 प्रतिशत है. भारत में मुस्लिम महिलाओं की आबादी 7 प्रतिशत है, जबकि लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व 0.7 प्रतिशत है. ऐसा ही होगा क्या आप उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं देंगे?

ओवैसी ने कहा कि यह मोदी सरकार सवर्ण महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है. वे ओबीसी महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व नहीं चाहते हैं. लोकसभा में 690 महिला सांसद चुनी गई हैं, और उनमें से केवल 25 ही मुस्लिम समुदाय से आई हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को दोहरे भेदभाव का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर मुस्लिम और ओबीसी महिलाओं को उनका उचित हिस्सा देने से इनकार करने का आरोप लगाया.