एनके भटेले,भिंड। जिले में शनिदेव की प्रतिमा चोरी और बरामदगी का अनोखा मामला सामने आया है। चोरी के बाद पुलिस ने प्रतिमा तो ढूंढ निकाली, लेकिन शनिदेव की जगह पुलिस वाले यमराज की मूर्ति ढूंढ ले आई। पुलिस आनन-फानन में बरामदगी की इस कार्रवाई की तारीफ के बजाय अब किरकिरी हो रही है। मंदिर समिति का कहना है कि पुलिस ने जो मूर्ति सौंपी है वह शनिदेव की नहीं बल्कि यमराज की मूर्ति है। यमराज भैंसे पर बैठे दिख रहे है, लिहाजा बरामद मूर्ति शानिदेव की नहीं है।
जानकारी के मुताबिक करीब 15 दिन पहले ही 21 जनवरी को लहार के भाटनटाल के पास बने नवग्रह मंदिर से अज्ञात चोरों ने शनिदेव की मूर्ति चोरी कर ली थी। जिसकी सूचना स्थानीय लोग और मंदिर समिति ने पुलिस को दी थी। करीब दो हफ्ते के बाद लोगों में पनप रहे आक्रोश को देखते हुए आनन फानन में पुलिस ने रौन जैतपुरा के बीहड़ों से एक मूर्ति बरामद कर ग्रामीणों को सुपुर्द की। हालांकि मंदिर ट्रस्ट ने पाया कि यह मूर्ति शनिदेव की नहीं यमराज महाराज की है। उन्हें मूर्ति लेने से इंकार कर दिया। जिसके बाद पूरे मामले पर पुलिस की किरकिरी हो रही है।
इस मामले को लेकर जब लहार एसडीओपी अवनीश बंसल से सवाल किया गया तो उनका कहना है कि स्थानीय लोग इसे दूसरी मूर्ति बता रहे है, लेकिन मंदिर के पुजारी ने प्रतिमा की पहचान की है। मंदिर ट्रस्ट अभी महीने भर पहले ही बना है उनसे भी जल्द बैठक कर चर्चा की जाएगी। आने वाले समय में इस मूर्ति की प्रतिष्ठा करने संबंधी चर्चा होगी। शनि मंदिर के पुजारी गोपाल दास महाराज ने पुलिस की इस बात का खंडन करते हुए बताया कि पुलिस द्वारा लायी गयी मूर्ति असली शनिदेव मूर्ति नहीं है। पूरी समिति मना कर कर चुकी है। पुलिस को सही कार्रवाई करते हुए जल्द शनिदेव की असल मूर्ति बरामद करनी चाहिए।
पुलिस की सफाई और बरामद हुई मूर्ति में कहीं से भी समानता नजर नहीं आ रही है। बरामद की गयी प्रतिमा पर यमराज भैंसे पर बैठे नजर आ रहे हैं। इस विवाद के बाद प्रतिमा को लहार थाना के मालखाने में रखवा दिया गया है।
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