पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. पंचायत प्रस्ताव से 22 करोड़ के काम स्वीकृत हुए पर काम ठेकेदार को देने की तैयारी है. इसके विरोध में सरपंच संघ पहले कलेक्टर से मिला, फिर प्रभारी मंत्री ने दो टूक जवाब दिया. इसके बाद अब क्षेत्र के सरपंच आंदोलन की तैयारी में जुटे हैं.

पंचायतों में कराए जाने वाले काम के लिए सरपंचों को ही एजेंसी बनाए जाने व ठेकेदारी प्रथा का विरोध करने राजधानी तक पहुंचे जिला सरपंच संघ को मायूसी हाथ लगी है. सरपंच संघ जिला अध्यक्ष बलदेव राज ठाकुर के नेतृत्व में संघ के प्रतिनिधि मंडल गरियाबंद पहुंचकर कलेक्टर प्रभात मलिक के समक्ष अपनी मांगें रखी. कलेक्टर ने शासन स्तर पर लिए गए निर्णय को अवगत कराते हुए अपनी मांग शासन के समक्ष रखने को कहा था.

इसके बाद संघ के प्रतिनिधि मंडल सरकार के पास अपनी बात रखने राजधानी पहुंचे थे. उन्होंने सबसे पहले जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत से भेंट किया. बलदेव ठाकुर ने कहा कि उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वसन मिला है. उन्हें कह दिया गया कि काम कराने का जो निर्णय सरकार ले चुकी है, उसी आधार पर काम होंगे.

ठाकुर ने बताया कि उन्हें मायूसी हाथ लगी है. 3 दिवस के भीतर जिला सरपंच संघ की बैठक आहूत कर अपने अधिकार के लिए लड़ने रूपरेखा बनाई जाएगी. मांगों को लेकर जल्द ही उग्र आंदोलन किया जाएगा. राजधानी पहुंचे प्रतिनिधि मंडल में खेलन दीवान, पुस्तम मांझी, जगतराम, खगेश्वर नागेश, तुकाराम, सुभाष सोरी शामिल थे.

50 लाख तक काम पंचायत करेगी, इस पर अमल नहीं : ठाकुर

सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष बलदेव राज ठाकुर ने कहा, कांग्रेस सरकार बनते ही 20 से 50 लाख तक के काम को पंचायत से कराने का एलान कर कुछ समय के लिए सरकार ने सरपंचों को खुश तो कर दिया था. जब आबंटन की बारी आई तो काम ठेकेदारों को देने की तैयारी हो रही है. ठाकुर ने कहा कि कुछ माह पहले ही जिले के सभी ग्राम पंचायतों ने स्कूल मरम्मत, नए भवन व शौचालय के लिए प्रस्ताव प्रशासन को दिया था. लगभग 22 करोड़ इसके लिए मंजूर भी किये गए, लेकिन मरम्मत व नए भवन के लिए आरईएस विभाग के माध्यम से टेंडर जारी करने की तैयारी हो रही है. 1 करोड़ 80 लाख से 65 स्कूलों में 70 शौचालय निर्माण के लिए शाला प्रबंधन समिति के नाम पर काम शिक्षकों को दे दिया गया है. पूर्व की भांति ग्राम पंचायत के आबंटन में भारी कटौती कर दिया गया है.