World Bank Remittances Report : विदेश में रहने वाले एनआरआई ने 2023 में भारत को 10 लाख करोड़ रुपये भेजे. यह दुनिया में सबसे ज्यादा है. विश्व बैंक ने बुधवार को यह जानकारी दी. विदेश में पैसा कमाकर अपने देश में भेजने के मामले में मेक्सिको दूसरे नंबर पर है. वहां के लोगों ने 5 लाख करोड़ रुपये अपने देश भेजे.

इस सूची में चीन 4 लाख करोड़ के साथ तीसरे, फिलीपींस 3 लाख करोड़ के साथ चौथे और पाकिस्तान 2.2 लाख करोड़ रुपये के साथ पांचवें नंबर पर है. सूची से पता चलता है कि कम आय और मध्यम आय वाले देशों के प्रवासियों ने अपने देश में पैसा भेजा है.

पाकिस्तानी प्रवासियों ने 12 फीसदी कम पैसा भेजा (World Bank Remittances Report)

2022 में भी एनआरआई अपने देश में पैसा भेजने में सबसे आगे रहे. तब भारत को 9.28 लाख करोड़ रुपये भेजे गए थे. इस साल पाकिस्तानियों ने 2.5 लाख करोड़ रुपये भेजे. एक साल बाद इसमें 12 फीसदी की कमी आई है. विश्व बैंक के मुताबिक 2021 के बाद पिछले साल भारतीय प्रवासियों ने सबसे ज्यादा पैसा भेजा है.

विश्व बैंक ने भारतीयों द्वारा पैसे भेजने की वजह अमेरिका में कामगारों की बढ़ती मांग को बताया है. इसके अलावा मध्य पूर्व के देशों में कुशल और कम कुशल लोगों की भी बढ़ती मांग है. पश्चिमी देशों के बाद भारतीय काम की तलाश में सबसे ज्यादा मध्य पूर्व जाते हैं.

यूएई में यूपीआई शुरू होने से भारतीयों ने ज्यादा पैसे भेजे

विश्व बैंक के मुताबिक, सबसे ज्यादा पैसे अमेरिका से भारत आए हैं. इसके बाद 18% यूएई से. फरवरी 2023 में जब यूएई में यूपीआई से भुगतान शुरू हुआ तो इसमें सबसे ज्यादा तेजी आई. इससे लोगों के लिए भारत में पैसे भेजना आसान हो गया.

कोरोना महामारी के दौरान भारी कर्ज और असुरक्षा में चले गए भारतीय प्रवासी

अंतरराष्ट्रीय प्रवास संगठन (आईओएम) की 2024 की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि कोरोना महामारी के दौरान वेतन न मिलने, सामाजिक सुरक्षा कम होने और नौकरी छूटने के कारण बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी भारी कर्ज और असुरक्षा में चले गए.

रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया है कि कोरोना महामारी के कारण देश के अंदर कामगारों के पलायन का पैटर्न बुरी तरह प्रभावित हुआ. इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में काम करने के तरीके में बदलाव आया. दिहाड़ी मजदूरों का शहरों की ओर पलायन करीब 10 फीसदी कम हुआ, जिससे बड़ी कंपनियों में कामगारों की कमी हो गई.