रायपुर. संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल में विश्व कैंसर दिवस मनाया गया.  इस अवसर पर विशेषज्ञों ने जहां कैंसर के बारे में जानकारी दी, वहीं कैंसर से लड़ने और जागरूक रहने की लोगों को शपथ दिलाई गई.

कार्यक्रम में मौजूद डॉ. यूसूफ मेनन ने बताया की विश्व के लोगों को कैंसर के खिलाफ़ लड़ाई लड़ने में एकजुट करने के लिए प्रतिवर्ष 4 फरवरी को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य जागरूकता और कैंसर के बारे में शिक्षा बढ़ाना तथा विश्व में सरकारों और व्यक्तियों को कार्रवाई करने के लिए संवेदनशील बनाना है. प्रतिवर्ष विश्वभर में 8.8 मिलियन लोगों की मृत्यु कैंसर से होती हैं. वर्ष 2030 तक प्रति मृत्यु संख्या 13.2 मिलियन हो जाएगी. भारत में सबसे ज़्यादा होने वाले पांच तरह के कैंसर- स्तन कैंसर, ग्रीवा कैंसर, मौखिक कैंसर, फेफड़े और कोलोरेक्टल कैंसर हैं.

हम कर सकते हैं, मैं कर सकता हूं

डॉ. मेनन ने बताया कि विश्व कैंसर दिवस 2016-2018 का प्रचार वाक्य “हम कर सकते हैं, मैं कर सकता हूँ” के तहत कैंसर के वैश्विक बोझ को कम करने के लिए सामूहिक या व्यक्तिगत स्तर पर कोई व्यक्ति अपनी भूमिका कैसे निभा सकता हैं. व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामुदायिक स्तर पर कैंसर हर किसी को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करता है. कैंसर के प्रभाव को कम करने के लिए सभी के पास सामर्थ्य है.

प्रारंभिक अवस्था में बचाई जा सकती है जान

उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति कैंसर के ज़ोखिम को कम करने के लिए स्वस्थ जीवन शैली के विकल्प को अपना सकता है. प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का पता लगाने और समय पर चिकित्सीय देखभाल लेने से जीवन को बचाया सकता है. कैंसर पीड़ित और उनकी देखभाल करने वाले लोग कैंसर से निबटने में सहायता के लिए दूसरों का सहयोग ले सकते है. सही सहयोग के साथ, कैंसर से पीड़ित लोग सफलतापूर्वक काम पर वापस लौट सकते हैं.