डब्ल्यूएमडी हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाता है. देश के 12 राज्यों को मलेरिया मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार मच्छरों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने जा रही है. इसका आगाज विश्व मलेरिया दिवस (25 अप्रैल) से किया है. सरकार को इस अभियान के लिए ग्लोबल फंड के जरिये 541 करोड़ की निधि मिली है. मलेरिया उन्मूलन परियोजना का तीसरा और अंतिम चरण दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र में शुरू हो रहा है. यह अभियान अप्रैल 2024 से मार्च 2027 तक राष्ट्रीय केंद्र वेक्टर जनित रोग नियंत्रण (एनसीवीबीडीसी) की निगरानी में चलाया जाएगा.

मलेरिया के लक्षण, प्रदेश में डोर टू डोर सर्वे

छत्तीसगढ़ में मलेरिया की रोकथाम व इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा डोर टू डोर सर्वे किया जा रहा है. स्वास्थ्य केंद्रों में भी स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जा रहे हैं. मलेरिया के प्रकरण सामने आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में मलेरिया संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है. मलेरिया में मरीज को तेज बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, उल्टी, शरीर पर दाने, नाक से खून आना या उल्टी में खून आना जैसे लक्षण पाए जाते हैं. मलेरिया के प्रकरण सामने आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में या निकट के स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जिससे बेहतर उपचार किया जा सके. Read More – फिल्मों की असफलता को लेकर Kriti Sanon ने किया खुलासा, कहा – अब कोई फर्क नहीं पड़ता …

देश के 22 राज्यों में मलेरिया संक्रमण के मामलों में लगातार कमी दर्ज की जा रही है. पुडुचेरी और लक्षद्वीप में बीते साल भर से भी अधिक समय से नया मामला सामने नहीं आया है. उम्मीद है कि इस साल के अंत तक करीब 28 राज्यों को मच्छर जनित रोग मलेरिया से मुक्त होने की घोषणा की जा सकती है. उन्होंने बताया कि जब किसी संक्रामक बीमारी से मुक्ति की घोषणा की जाती है तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार, प्रति एक लाख की आबादी पर कुल मामलों की गणना की जाती है. उदाहरण के तौर पर यदि किसी जिले में प्रति एक लाख की आबादी पर मलेरिया के औसत मामले एक या उससे कम है तो उसे रोग मुक्त की श्रेणी में माना जाएगा. Read More – फिल्मों की असफलता को लेकर Kriti Sanon ने किया खुलासा, कहा – अब कोई फर्क नहीं पड़ता …

लगातार केस में आ रही है गिरावट

भारत में 2022 में मलेरिया के 33.8 लाख मामले और 5,511 मौतें हुईं, जो 2021 की तुलना में मामलों में 30% और मौतों में 34% गिरावट है. वहीं 2017 से तुलना करें तो मरीजों में 49% की कमी और मौतों में 50.5% की कमी आई है. इसके अलावा 2015 से 2022 के बीच मलेरिया के मामलों और मौत में क्रमशः 85.1% और 83.6% की गिरावट आई है.