रायपुर। नवरात्रि महापर्व पर माता रानी की पूजा अर्चना करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ती होती है. हिंदू धर्म में बताए गए मां के 9 स्वरूपों का अपना एक विशेष महत्व होता है. आज नवरात्रि के नवमीं के दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. सिद्धिदात्री की पूजा करते वक्त बैंगनी रंग पहनें. धार्मिक मान्यता के अनुसार मां का यह स्वरुप सिद्धी प्रदान करने वाला है. सिद्धिदात्री मां की पूजा करने से व्यक्ति को सभी देवियों की पूजा का फल मिल सकता है.

वहीं नवरात्रि की अष्टमी और नवमी में से किसी एक दिन कन्याओं को खाना खिलाया जाता है. इस दौरान उन्हें उपहार-भेंट देना और लाल चुनरी उड़ाना भी शुभ माना जाता है.

मां सिद्धिदात्री की पूजा का शुभ मुहूर्त-

इस साल नवमी महा-अष्टमी के दिन से ही लग रही है. नवमी के शुरू होने की तिथि 6 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 54 मिनट है. वहीं 7 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर नवमी की तिथि समाप्त हो जाएगी.

अमृत काल मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 24 मिनट से 12 बजकर 10 मिनट तक(7 अक्टूबर 2019)

अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर12 बजकर 32 मिनट तक (7 अक्टूबर)

मां सिद्धिदात्री का मंत्र-

सिद्धगन्‍धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,

सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

ध्यान

वन्दे वांछित मनोरथार्थ चन्द्रार्घकृत शेखराम।

कमलस्थितां चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्वनीम॥

स्वर्णावर्णा निर्वाणचक्रस्थितां नवम दुर्गा त्रिनेत्राम।

शख, चक्र, गदा, पदम, धरां सिद्धीदात्री भजेम॥

पटाम्बर,परिधानां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम।

मंजीर, हार, केयूर, किंकिणि रत्नकुण्डल मण्डिताम॥

प्रफुल्ल वदना पल्लवाधरां कातं कपोला पीनपयोधराम।

कमनीयां लावण्यां श्रीणकटि निम्ननाभि नितम्बनीम॥