सुप्रिया पांडे. प्रदूषित नदियों में सबसे पहले यमुना नदी का जिक्र आता है, जिक्र इसलिए भी क्योंकि यमुना नदी में हर जगह झाग ही झाग नजर आता हैं. लेकिन अब वहीं झाग रायपुर की खारुन नदी में भी नजर आने लगा है, यदि ऐसी ही स्थिति रही तो खारून नदी भी जल्द ही यमुना नदी की तरह प्रदूषित हो जाएगी.
छत्तीसगढ़ के रायपुर में युगों से बहने वाली खारुन नदी शहर के लगभग 15 लाख लोगों के लिए जल और जीवन का स्त्रोत है. रायपुर में “खारुन महतारी” के नाम से जानी जाने वाली यह नदी मां बनकर सदियों से अपने किनारे विभिन्न संस्कृतियों का पालन-पोषण करती आई है.
लेकिन विडंबना देखिये कि आज वही मां बजबजाते नालों की गन्दगी का बोझ ढो रही है. शिवनाथ नदी की प्रमुख सहायक खारुन अपने किनारे बसे करीब 200 गांवों के लिए प्रकृति का अद्भुत वरदान थी, लेकिन अब यह प्रदूषण और अतिक्रमण के चलते अपना पुरातन स्वरुप खोती जा रही है.