Year Ender 2024: पंजाब जो कभी क्रांतिकारियों की धरती है और फिर यहां के लोग देश का अन्नदाता कहलाए. 21वीं सदी की शुरुआत में ऐसी दिशा में बढ़ा, जहां से बड़ी संख्या में लोगों का पलायन विदेशों की ओर हुआ। दुनिया में राज करने के सपने देखने वाले पंजाब के नौजवान और युवतियां विदेशों में जाकर मजदूर बनने लगे।


स्थिति तब और खराब हुई जब विदेश जाने की होड़ में ऐसे एजेंट पैदा हो गए, जो हमारी बेटियों को बेचने लगे। यह बात कड़वी और कठोर जरूर है, लेकिन सच्चाई है। पंजाब की कई युवतियां विदेशी धरती पर बेची गईं। कई को मजबूरी में ऐसे काम करने पड़े, जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. यह दर्द केवल एक लड़की या लड़के का नहीं है। पता नहीं कितने युवा हैं, जो अपने साथ हुई ज्यादतियों को समाज और परिवार के डर से अपने अंदर ही दबाए बैठे हैं।


जागरूकता के प्रयास


जो घटनाएं सामने आई हैं, उन्हीं के आधार पर लाखों नौजवानों और उनके परिवारों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है। शायद थोड़ी सी सतर्कता से किसी का जीवन बच सके।


सीचेवाल की मदद


राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने 2024 के दौरान विदेशों में फंसे भारतीयों, खासकर लड़कियों के लिए एक सच्चे मसीहा के रूप में काम किया। उन्होंने विदेश मंत्रालय के सहयोग से अनेकों पीड़ित परिवारों को उनके अपनों से मिलाया।


लेबनान में 24 साल से फंसे गुरतेज सिंह हों, हांगकांग में 12 साल से फंसी भारतीय लड़की या अरब देशों में बेची गई युवतियां, संत सीचेवाल ने हर मामले को गंभीरता से लिया और विदेशों में फंसे युवाओं को सुरक्षित घर वापस लाने का प्रयास किया।


2024 में उन्होंने 17 पीड़ित परिवारों की मदद की, जिनके सदस्य विदेश में फंसे थे। उन्होंने मानव तस्करी का शिकार हुई 28 से अधिक पंजाब की लड़कियों को तस्करों के चंगुल से छुड़वाया और 27 अन्य युवाओं को भी सुरक्षित वापस लाए।


केंद्र सरकार तक ले गए मामला


संत सीचेवाल उस समय चर्चा में आए, जब उन्होंने रूसी सेना में फंसे भारतीय नौजवानों की सुरक्षित वापसी करवाई। फरवरी 2024 में मीडिया में छाए इस मामले में उन्होंने विदेश मंत्री को पत्र लिखकर इन युवाओं की वापसी की मांग की।


उत्तर प्रदेश के एक युवक, कनैया, जिसकी रूसी सेना में सेवा के दौरान मृत्यु हो गई थी, की देह को भी उन्होंने भारत वापस लाने का प्रबंध किया।


विदेश जाने से पहले जांच जरूरी


संत सीचेवाल और सरकारें समय-समय पर लोगों से अपील करती रही हैं कि अगर आप या आपका परिवार का कोई सदस्य विदेश जा रहा है, तो एजेंट की अच्छी तरह जांच करें। विदेश मंत्रालय की वेबसाइट या दूतावास के माध्यम से पूरी जानकारी लें।

मानव तस्करी का खतरा सबसे ज्यादा उन लोगों को होता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। विदेशों में कई बार ऐसी लड़कियां इस समस्या का शिकार होती हैं। जागरूकता ही इसका समाधान है।