बैंगलुरू। कर्नाटक विधानसभा में नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा इस्तीफा दे दिया. इससे पहले उन्होंने भावुक भाषण दिया. इस दौरान वे काफी भावुक दिखे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस का गठबंधन अवसरवादी है. दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा और आज सत्ता के लिए एक हो गए. येदियुरप्पा ने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस का गठबंधन जनादेश के खिलाफ है.
येदियुरप्पा ने कहा कि मैं कर्नाटक के साढ़े 6 करोड़ लोगों के लिए काम करना चाहता हूं. मैं इनके लिए अपना जीवन समर्पित करने के लिए तैयार हूं. उन्होंने कहा कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. जनादेश भाजपा को मिला, लेकिन कांग्रेस और जेडीएस अवसरवादी निकले.
येदियुरप्पा ने कहा कि मैं किसानों का कर्ज माफ करना चाहता था. उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा अपना कर्तव्य पालन किया. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कुछ काम नहीं किया. उन्होंने कहा कि मैंने 5 साल में कई उतार-चढ़ाव देखे. उन्होंने कहा कि मैं किसानों को बचाना चाहता हूं. लोगों के अच्छे जीवन के लिए समर्पण के लिए तैयार हूं. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देना चाहता था. येदियुरप्पा ने कहा कि मैं नदी जोड़ो परियोजना पर काम करना चाहता था, ताकि लोगों की पानी की समस्या दूर हो सके. हमारे राज्य की हमेशा केंद्र की मोदी सरकार ने मदद की है.
येदियुरप्पा ने कहा कि हम 40 से 104 पर पहुंचे. जनादेश हमारे साथ रहा. उन्होंने कहा कि हमें ईमानदार नेताओं की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भाजपा को प्रजातंत्र पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि आज हमारी अग्निपरीक्षा है और ये अग्निपरीक्षा मेरे जीवन में नई नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं राज्य की जनता का आभार व्यक्त करता हूं और जनादेश पर गौरव करता हूं. काश कि 113 सीटें हमारे पास होतीं, तो तस्वीर अलग होती.
येदियुरप्पा ने कहा कि मैं राज्य के हर गांव में जाऊंगा, काम करता रहूंगा और दिल जीतकर आऊंगा. उन्होंने कहा कि मैं चाहे विपक्ष में रहूं या सत्ता में हमेशा गरीबों और वंचितों की मदद करता रहूंगा. प्रजातंत्र की व्यवस्था में मतदाता ही मालिक है.