लखनऊ. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गोरखपुर के एक पुलिस उप अधीक्षक (क्राइम) और सर्किल अफसर के घुटनों के बल बैठकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हाथ जोड़ने पर विवाद खड़ा गया है. जिसके बाद यूपी सीएम कार्यालय को सफाई देनी पड़ी है.

इन तस्वीरों में से एक में यह पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री योगी, जो गोरखनाथ मंदिर के महंत भी, के सामने घुटनों के बल बैठकर हाथ जोड़े हुए हैं. दूसरी तस्वीर में सीएम योगी पुलिस अधिकारी के माथे पर तिलक लगा रहे हैं. इस अधिकारी का नाम प्रवीण कुमार सिंह है जिन्होंने खुद भी फेसबुक पर यह तस्वीरें साझा की है. एक तीसरी तस्वीर में प्रवीण कुमार सिंह सीएम योगी को माला पहना रहे हैं.

मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से इस पर सफाई में कहा गया है कि सैंडल साफ करना और किसी महंत-पीठाधीश को तिलक करने में बहुत अंतर है. कहा गया, ‘हां, अब महंत सीएम हैं, इसलिए कह सकते हैं कि वर्दी नतमस्तक है लेकिन गोरखपुर से जुड़े लोगों से पूछने पर पता लगेगा कि ऐसा यहां पहले से ही होता रहा है. आम लोगों के साथ अधिकारी और अन्य प्रतिष्ठित लोग भी यहां पहुंचते हैं. पीठ का आशीर्वाद लेते हैं.’

सीएमओ की तरफ से ये भी कहा गया कि इस दिन विशेष तौर पर दीक्षा कार्यक्रम होता है. कार्यक्रम की महत्ता समझाते हुए कहा गया कि यहां आने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने लखनऊ के एक बड़े इवेंट और इलाहाबाद में अमित शाह का कार्यक्रम तक छोड़ दिया.’ यह भी कहा गया कि तस्वीर में सीओ ने पुलिस कैप हटा कर अपने सिर के ऊपर जो रुमाल रखी है वह अपने आप में इस बात को बताती है कि वह एक पीठाधीश्वर के सामने हैं, न कि मुख्यमंत्री के सामने.

समाजवादी पार्टी के सुनील यादव ने कहा कि पुलिस अधिकारी का योगी का पैर छूना वर्दी के महत्व को कम करना है. डीजीपी को उस पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. यदि डीजीपी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो इससे यह साफ हो जाएगा कि पूरा पुलिस महकमा ही उनके (योगी) के चरणों में गिर चुका है.

प्रवीण कुमार इस समय गोरखपुर के गोरखनाथ इलाके में सर्किल ऑफिसर हैं और उनके जिम्मे कई पुलिल स्टेशन हैं. तस्वीरों को साझा करते हुए प्रवीण कुमार सिंह ने फेसबुक पर लिखा है कि वह गुरु पूर्णिमा के मौके पर सीएम से नहीं गोरखनाथ मंदिर के महंत से आशीर्वाद ले रहे हैं. साथ ही फोटो के साथ लिखा है ‘फिलिंग ब्लिस्ड’. अब इस मुद्दे को लेकर विवाद छिड़ गया है.