कानपुर. गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर मामले में सस्पेंडेड डीआईजी अनंत देव तिवारी को योगी सरकार ने पुलिस सेवा में बहाल कर दिया है. इसके साथ ही गाजियाबाद के एसएसपी के पद से निलंबित आईपीएस अधिकारी पवन कुमार को बहाल किया गया है. अभी इन दोनों अफसरों की तैनाती के कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं.

बता दें कि कानपुर के बहुचर्चित बिकरू एनकाउंटर में विशेष जांच दल की रिपोर्ट के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए डीआईजी अनंत देव तिवारी को सस्पेंड कर दिया था. विकास दुबे एनकाउंटर मामले में अनंत देव का निलंबन योगी सरकार की सबसे बड़ी कार्रवाई थी.

कानपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 की रात कुख्यात अपराधी विकास दुबे व उसके साथियों ने सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की घेरकर हत्या कर दी थी. 8 जुलाई को अमर दुबे को मौदहा व इटावा में बउआ, 9 जुलाई को पनकी में प्रभात मिश्रा और 10 जुलाई को सचेंडी में विकास दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया था. शासन ने इसके अगले दिन 11 जुलाई, 2020 को एसआइटी गठित कर उसे नौ बिंदुओं पर जांच सौंपी थी. एसआइटी में एडीजी हरिराम शर्मा व डीआइजी जे रवींद्र गौड बतौर सदस्य शामिल थे.

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इस मामले की रिपोर्ट में जिन अधिकारियों को दोषी माना गया है उसमें पूर्व डीआईजी अनंत देव तिवारी के अलावा डिप्टी एसपी इंटेलीजेंस सूक्ष्म प्रकाश, सीओ कैंट आरके चतुर्वेदी, सीओ ऑफिस व नोडल अधिकारी पासपोर्ट अमित कुमार, सीओ नंद लाल सिंह, सीओ करुणाकर राव, सीओ लाल प्रताप सिंह, सीओ हरेन्द्र कुमार यादव, सीओ सुंदर लाल, सीओ प्रेम प्रकाश, सीओ रामप्रकाश अरुण, सीओ सुभाष चन्द्र शाक्य और सीओ लक्ष्मी निवास को कार्रवाई में लचरता का आरोपी माना है.

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