श्री कैलाश मानसरोवर की तीर्थ यात्रा (Shri Kailash Mansarovar Yatra) पर जाने वाले उत्तर प्रदेश के मूल निवासियों को राज्य सरकार की ओर से एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. इसके लिए यात्रा में सम्मिलित होने वाले यात्रियों को वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश का मूलनिवासी होना अनिवार्य है.

यह जानकारी प्रमुख सचिव धर्मार्थ कार्य विभाग मुकेश कुमार मेश्राम ने शुक्रवार को दी. भारत सरकार की ओर से आयोजित की जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा में सम्मिलित होने वाले यात्रियों के अतिरिक्त अपने व्यक्तिगत स्रोतों से तथा प्राइवेट ट्रेवल एजेंसी के माध्यम से यात्रा पूर्ण करने वाले यात्रियों को भी अनुदान प्रदान किया जाएगा. इसके लिए यात्रा पूर्ण करने वाले यात्रियों को धर्मार्थ कार्य विभाग की वेबसाइट www.updharmarthkarya.in पर 90 दिवस के भीतर आवेदन करना होगा. इस आवेदन के साथ नवीनतम फोटोग्राफ, आधारकार्ड, पेनकार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और वीजा, बैंक खाते का विवरण, यात्रा पूर्ण करने का प्रमाण पत्र और अन्य अभिलेख ऑनलाइन अपलोड करना होगा. कोई भी आवेदन पत्र भौतिक रूप से स्वीकार नहीं किया जाएगा.

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प्रमुख सचिव ने बताया कि अनुदान के लिए आवेदन पत्र के साथ अपलोड अभिलेखों का परीक्षण धर्मार्थ कार्य निदेशालय उ0प्र0 लखनऊ की ओर से किया जाएगा. परीक्षण के बाद आवेदन सही पाए जाने पर धर्मार्थ निदेशालय की ओर से अनुदान राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानान्तरित की जाएगी. आवेदन पत्र एवं अभिलेखों में किसी प्रकार की त्रुटि/कूटरचित होने पर आवेदन निरस्त करते हुए आवेदक को रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर/ई-मेल पर मैसेज के माध्यम से सूचित किया जाएगा. कैलाश मानसरोवर यात्रा अनुदान प्रदान किये जाने संबंधित शिकायत का निवारण निदेशक धर्मार्थ कार्य निदेशालय द्वारा करते हुए शासन को अवगत कराया जाएगा. जीवनकाल में किसी यात्री को एक बार ही अनुदान दिया जाएगा.

उन्होंने यह भी बताया कि यात्रियों को दी जाने वाली सहायता राशि की सम्पूर्ण धनराशि निदेशक धर्मार्थ कार्य निदेशालय उ0प्र0 लखनऊ के निवर्तन पर रखी जाएगी. किसी यात्री की मृत्यु होने की दशा में पति/पत्नी या आश्रित के द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर अनुदान की प्रतिपूर्ति विचारोपरान्त निर्णय लिया जाएगा. अनुदान के लिए आवेदन पत्र धर्मार्थ कार्य विभाग की वेबसाइट www.updharmarthkarya.in पर समस्त निर्देशों के साथ अपलोड है. आवेदक द्वारा समस्त निर्देशों का अनुपालन करते हुए सुसंगत अभिलेखों का स्कैन कर अपलोड कराना होगा. जिस वर्ष में आवेदन किया गया है, उसी वित्तीय वर्ष के बजट प्राविधान से ही अनुदान प्रदान किया जाएगा. अगले वित्तीय वर्ष में अनुदान के लिए विचार नहीं किया जाएगा.

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प्रमुख सचिव धर्मार्थ कार्य मुकेश मेश्राम ने यह भी बताया कि किसी यात्री द्वारा कूटरचित अभिलेखों या अन्य सुसंगत साक्ष्यों को छुपाकर अनुदान प्राप्त कर लिये जाने पर, उससे अनुदान की धनराशि वसूल कर ली जाएगी और उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.