लखनऊ ब्यूरो. अभी लखनऊ के हज हाउस को भगवा रंग से रंगने का मामला थमा भी नहीं था कि योगी सरकार का एक औऱ कारनामा सामने आया है. मुख्यमंत्री कार्यालय को भगवा रंगने के बाद हज हाउस को भी सरकार की शह पर भगवा रंग से रंग दिया गया. इस मामले में भारी विरोध के चलते आखिरकार सरकार को हज हाउस दूसरे रंग से रंगवाना पड़ा.
अब प्रदेश की योगी सरकार ने एक और कारनामा कर डाला है. इटावा सूबे के दिग्गज समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का गृह जिला है. भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद बारी बारी से विपक्ष और उसके मजबूत किलों को निशाना बनाना शुरु किया है. इटावा में सरकार किसी की भी रहे लेकिन दबदबा यादव परिवार का ही रहता है. इसे यादव परिवार का गढ़ माना जाता है. सूबे की भाजपा सरकार ने अब इस समाजवादी गढ़ को भगवा रंग से रंगने की योजना बनाई है.
इस योजना पर अमल करते हुए जिले की बरसेहर ब्लाक में जनता के लिए 100 शौचालय बनाए गए लेकिन खास बात ये है कि उन सभी को भगवा रंग से रंग दिया गया. सरकार की मंशा इसके पीछे शायद समाजवादी गढ़ को केसरिया से रंगने की रही हो लेकिन सरकार का ये दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है. दरअसल बरसेहर ब्लाक में स्वच्छ भारत अभियान के तहत करीब 100 शौचालय बनाए गए. इस तरह के करीब 500 और शौचालय बनाए जाने हैं. इन 100 शौचालयों को प्रशासन ने भगवा रंग से रंग दिया है. प्रशासन की इस मंशा की तीखी आलोचना शुरु हो गई है.
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बारे में राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘’भगवा वाले बाथरुम में कोई जाएगा तो सोचो किसका अपमान होगा, इसने धर्म का भी अपमान किया है, बताओ बाथरुम को भी भगवा कर दिया, ये धर्म का अपमान करने वाली सरकार है’’.
इस बारे में बरसेहर के ब्लाक डेवलपमेंट अधिकारी प्रशांत सिंह ने कहा कि ‘हमें इस बारे में कोई निर्देश नहीं मिला है कि बाथरुम को केसरिया रंग से रंगा जाय’. उधर विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर एक बार फिर सरकार पर हमला बोल दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘’वो रंग नहीं है, वो हमारी आस्था का रंग है. रंग कहके उसका अपमान कर रहे हैं ये लोग. शौचालय में आस्था का रंग, ये अपमान नहीं तो क्या है’’.
योगी सरकार सत्ता में आने के बाद अगर इमारतों को भगवा रंग में रंगने के बजाय विकास के कामों को प्राथमिकता से कराने पर जोर दे तो प्रदेश के साथ-साथ प्रदेश के लोगों का भी भला हो सकेगा. जिसकी कि इस वक्त प्रदेश के लोगों को बेहद जरूरत है. योगी सरकार की हरकतों को देखकर ऐसा नहीं लगता कि उसकी मंशा विकास की है. उसका पूरा ध्यान फिलहाल इमारतों को केसरिया रंग से रंगने में है.