गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को भगवान नरसिंह की भव्य शोभायात्रा में शामिल हुए. विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद निकलने वाली यह शोभायात्रा विजय जुलूस जैसा नाजरा दिखा. इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता ने राष्ट्रवादी सरकार को चुना है.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “पर्व हमें अतीत से जोड़ते हैं. होलिका और हिरण्यकश्यप हर समाज में मौजूद रहे हैं. हिरण्यकश्यप और होलिका ने भक्त प्रह्लाद को उसके भक्ति मार्ग से डिगाना चाहा पर सफल न हो सके. हमें भी भक्त प्रह्लाद की तरह अपने मार्ग से डिगना नहीं है.” उन्होंने चुनाव में जीत के लिए भी जनता को धन्यवाद दिया और कहा कि जनता ने राष्ट्रवादी सरकार को चुना है. कोरोना काल में भी केंद्र और यूपी सरकार ने अच्छा काम किया. गरीबों को महीने में दो बार मुफ्त अनाज दिया जा रहा है, यह भी पहली बार हुआ है. वह बोले कि कोरोना में जिन लोगों की मौत हुई उनके परिवारों से हमारी संवेदना है.

योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि आप होली के उल्लास से बीते 10 दिन से जुड़े हैं. बीते दो सालों में पहली बार होली पर कोरोना नियंत्रण में है और यही वजह है कि हम इस आयोजन में शामिल हो सके हैं. दूसरी खुशी की बात ये भी है कि यूपी की जनता ने एक बार फिर राष्ट्रवाद और सुशासन के लिए सरकार चुनी है. पहली बार भाजपा ने गोरखपुर की सभी 9 सीटें जीतीं. उन्होंने कहा कि ये पर्व और त्योहार गोरखपुर के लिए और भी महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि आजादी के बाद पहली बार भाजपा ने यहां की नौ की नौ सीटें जीती हैं. राष्ट्रवाद की मुहर लगी है. यूपी के अंदर 18 कमीश्नरी है. गोरखपुर कमीश्नरी ने 28 में से 27 सीटें राष्ट्रवाद को आगे बढ़ाने के लिए दी हैं.

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होली की परम्परा का उल्लेख करते हुए सीएम योगी ने कहा, “होलिका हों या हिरण्यकश्यप किसी न किसी रूप में समाज के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं. इसी तरह किसी न किसी रूप में भक्त प्रह्लाद और नरसिंह भगवान भी अपनी उपस्थिति किसी न किसी रूप में समाज में दर्ज करते रहे हैं. ये पर्व और त्योहार हमें संदेश देते हैं, अच्छे मार्ग पर चलने की. यदि भक्त प्रह्लाद अपनी बुआ का कहना मानकर भक्ति मार्ग से विचलित हो जाते तो संभवत: भक्त प्रह्लाद का स्मरण होली जैसे पावन पर्व पर हम नहीं कर पाते. होली भेदभाव रहित, समतामूलक समाज का प्रतीक है.” गोरखपुर में भगवान नरसिंह शोभायात्रा हर साल निकलती है. वर्ष 1996 से लेकर 2019 तक योगी आदित्यनाथ इस शोभायात्रा में शामिल होते रहे लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण बीते दो साल से शोभायात्रा नहीं निकली. ऐसे में इस बार की शोभायात्रा को लेकर लोगों का खासा उत्साह है.

मुख्यमंत्री की होली की शुरूआत गोरखनाथ मंदिर में होलिका का भस्म लगाने के साथ शुरू हुई. मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ अन्य साधु संतों के साथ तुरही, नागफनी, मजीरा आदि वाद्ययंत्रों की ध्वनि के बीच होलिकादहन स्थल पर पहुंचे और वहां विधि-विधान से पूजन कर भस्म एकत्रित किया. यह भस्म सर्वप्रथम गुरु गोरक्षनाथ को अर्पित की गई. इसके बाद योगी कमलनाथ भस्म से गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का तिलक किया. एक दूसरे को होलिका की राख का तिलक लगाने के बाद संत समाज मंदिर के मुख्य चबूतरे पर फाग गीतों का आनंद उठाया.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और होलिकोत्सव समिति की ओर से आयोजित शोभायात्रा कार्यक्रम में सबसे पहले ध्वज प्रणाम और प्रार्थना हुआ. बांसुरी की मधुर धुन के बीच ध्वज चढ़ाया गया. शोभायात्रा में तुरही व नगाड़ा शामिल हुए, जिनसे अतिथियों का स्वागत हुआ. भगवान नरसिंह की महाआरती होने के बाद तुरही व नगाड़ा की आवाज भी गूंजी. इस बार शोभायात्रा में पांच ट्रालियां शामिल की गईं, जिन पर रंग घोलकर रखा गया था. हर ट्राली पर 15-20 स्वयंसेवक थे जो पिचकारियों सें लोगों पर रंगों की बौछार कर रहे थे.