आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच लोगों के पास एक-दूसरे के लिए तो क्या, खुद के लिए भी वक्त नहीं है. वक्त की कमी के चक्कर में लोग इन दिनों पैकेट वाले फूड्स ज्यादा खाने लगे हैं. सिर्फ व्यस्क और बुजुर्ग ही नहीं बल्कि आजकल 6 महीने के बच्चों के लिए भी तरह-तरह के पैकेज्ड बेबी फूड मौजूद हैं. बाजार में मिलने वाले इन बेबी फूड्स की पैकेजिंग इतनी आकर्षक होती है कि पेरेंट्स बिना कुछ सोचे-समझें इसे खरीद लेते हैं और बच्चों को देने लगते हैं. बच्चे दाल-चावल, खिचड़ी और दलिया को बेशक मना कर दें, लेकिन इन Packaged Food Item को तुरंत चट कर जाते है. इसकी मुख्य वजह है स्वाद. बच्चों को पैकेट में मिलने वाले फूड्स स्वादिष्ट लगते हैं, जिसकी वजह से वह इसे खा लेते हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं पैकेट में दिखने वाला सुंदर और स्वाद में टेस्टी बेबी फूड आपके बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है. दरअसल, बेबी फूड्स को आकर्षक दिखाने के लिए कंपनियां कई तरह के आर्टिफिशियल कलर्स, चीनी और मैदे का इस्तेमाल करती हैं. ऐसे में आप बच्चों को लंबे समय तक पैकेट वाला बेबी फूड देते हैं, तो इसकी वजह से उल्टी, दस्त, बुखार और पाचन क्रिया से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं. गौर करने वाली बात यह है कि अगर Packaged Food Item के लेबल को सही तरीके से पढ़ लिया जाए, तो आपको समझ आ जाएगा कि बच्चे के क्या सही है और क्या नहीं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं, उन 5 चीजों के बारे में, जो आपको बेबी फूड पैकेट पर पढ़नी चाहिए. Read More – शादी करने जा रहे Abdu Rozik, वीडियो शेयर कर फैंस को दी खुशखबरी …
फूड लेबल क्या हैं?
फूड लेबल या पोषण लेबल उत्पाद की पैकेजिंग पर छपी जानकारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह उपभोक्ताओं को उत्पाद के बारे में उपयोगी जानकारी प्रदान करता है, इसमें क्या है से लेकर यह उपभोग के लिए कितने समय तक सुरक्षित है, ताकि उपभोक्ता सही विकल्प चुन सकें और अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकें. लगभग सभी एफएमसीजी उत्पादों पर लेबल होना आवश्यक है, लेकिन जानकारी और प्रारूप प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकते हैं.
बेबी फूड लेबल पर पेरेंट्स को पढ़नी चाहिए ये 5 बातें
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, फूड लेवल आपको विटामिन, वसा, कैलोरी इत्यादि के बारे में जानकारी देता है. ताकि कोई भी प्रोडक्ट को खरीदे तो उसके अंदर किन चीजों का इस्तेमाल किया गया है, इसकी जानकारी उपभोक्ता को हो सके. उदाहरण के लिए, यदि आप टमाटर केचप खरीदना चाह रहे हैं, तो आप सही विकल्प चुनने के लिए खाद्य लेबल पर खाद्य सामग्री की सूची, जैसे चीनी सामग्री और कैलोरी की तुलना कर सकते हैं.
परोसने का आकार और कैलोरी
बेबी फूड लेबल पर परोसने के आकार और सूचीबद्ध कैलोरी कितनी है इसको पढ़ना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. उदाहरण के लिए, यदि आलू के चिप्स का एक छोटे पैकेट को पढ़ते हैं, तो उस पर प्रति सर्विंग 10 से 100 ग्राम कैलोरी लिखी हो सकती है. पैकेट पर यह भी लिखा हो सकता है कि एक व्यक्ति को उस चिप्स के एक दिन में सिर्फ 10 ग्राम ही खाने चाहिए. अगर आप इससे ज्यादा खाते हैं, तो बीमारी हो सकती है. बेबी फूड लेबल पर परोसने का जो हिसाब दिया गया है, उसी को चुनें.
प्रोसेस्ड शुगर
आजकल कई खाद्य पदार्थों में नेचुरल शुगर के अलावा प्रोसेस्ड शुगर मिलाई जाती है. जब आप अपने बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं तो अतिरिक्त चीनी की मौजूदगी और मात्रा जानना बहुत जरूरी है. पैकेट को पढ़ने के बाद आपको ऐसा लगता है कि इसमें 2 ग्राम से ज्यादा प्रोसेस्ड शुगर का इस्तेमाल किया गया है, तो ऐसे बेबी Packaged Food Item खरीदने से बचें. Read More – Juhi Chawla ने दिया Shahrukh khan का हेल्थ अपडेट, कहा – IPL के फाइनल मैच जरूर आएंगे वो …
फैट
फैट ऊर्जा प्रदान करते हैं. एक लेबल में, कुल फैट भोजन की एक सर्विंग में फैट की मात्रा को दर्शाता है. फैट को ट्रांस फैट (स्वास्थ्य के लिए खराब), संतृप्त वसा (स्वास्थ्य के लिए खराब), और असंतृप्त वसा (स्वास्थ्य के लिए अच्छा) के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है. अगर आपके बेबी Packaged Food Item के लेबल पर ट्रांस फैट लिखा हुआ, तो उसे बच्चों को देने से बचें.
प्रोटीन
मांसपेशियों और अंगों के निर्माण से लेकर प्रतिरक्षा प्रणाली को बरकरार रखने तक, प्रोटीन शरीर का अधिकांश हिस्सा बनाता है. प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का चयन करें.
सोडियम
सोडियम नमक में पाया जाने वाला एक तत्व है. यह शरीर में तरल पदार्थ के संतुलन में मदद करता है, लेकिन इसकी अधिकता उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती है. चूंकि खाद्य पदार्थों में भी प्राकृतिक रूप से सोडियम होता है, इसलिए कम सोडियम सामग्री वाले खाद्य पदार्थों की तलाश करें.
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