सरकार प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के दावे कर रही है. वहीं खाकी ने एक प्रेमी युगल को छोड़ने के नाम पर 65 हजार रुपए की रिश्वत ली. मामले की शिकायत पूर्व मंत्री और विधायक ने पुलिस अधीक्षक से की थी. एसपी ने प्रकरण में जांच के आदेश पुलिस उपाधीक्षक को किए, मामला सच निकला. कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी, आरक्षी और मुख्य आरक्षी निलंबित कर दिया.

पूरा मामला उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर का है. मामले की शिकायत पूर्व मंत्री डा. सतीश द्विवेदी और इटावा के विधायक माता प्रसाद पांडेय ने पुलिस अधीक्षक से की थी. कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने कठेला थाना प्रभारी सौदागर राय, आरक्षी पन्नालाल व मुख्य आरक्षी सुरेश वरुण को निलंबित कर दिया. एसपी ने इसकी जांच सीओ सदर प्रदीप कुमार यादव को सौंपी है. घटना एक सप्ताह पहले की है. गांव हीरखास के निवासी संजय सिंह और विशुनपुर बौरडीह गांव के अब्दुल कय्यूम ने शिकायत की थी, जिस पर जांच के बाद कार्रवाई हुई है.

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जानकारी के मुताबिक हीरखास गांव का एक युवक और नरवलिया गांव की एक युवती एक साथ कहीं जा रहे थे. पुलिस ने उन्हें प्रेमी युगल समझ कर पकड़ लिया. जबकि दोनों के बीच शादी तय हो चुकी थी. पुलिस दोनों को पकड़ कर थाने लाई. युवती को तो छोड़ दिया, लेकिन युवक को छोड़ने के लिए सौदेबाजी होने लगी. कठेला थाना पुलिस ने युवक के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने दो लाख रुपए की मांग की, सौदेबाजी में 65 हजार रुपए पर मामला तय हो गया. युवक के परिजन मुंबई में रहते हैं, इसलिए 65 हजार रिश्वत की रकम वहां से भेजी. तब पुलिस ने युवक छोड़ा. पुलिस अधीक्षक ने थानाध्यक्ष सहित तीनों को निलंबित कर दिया गया.

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