अपने साथ के बच्चों के साथ मार-पीट, चोरी छिपे दूसरों को नुकसान पहुंचाना, और तो और यहां तक दूसरे बच्चों के समान को तोड़ देना. बच्चों में इस तरह के व्यवहार को बुरा व्यवहार माना जाता है. बच्चों के इस बुरे व्यवहार की वजह से ना तो वो किसी से ठीक तरीके पेश आते हैं, और ना ही उनके दोस्त बन पते हैं. इस वजह से अन्य बच्चों की तरह इस तरह के बच्चों का मानसिक विकास अच्छे से नहीं हो पाता और वो अकेले रह जाते हैं.
दूसरों के संग बुरा व्यवहार करने वाले बच्चों के दिमाग में काफी नकारात्मकता भरी रहती है, और वो हर वक्त किसी ना किसी तरह से सामने वाले को नुकसान पहुंचाने के बारे में ही सोचते रहते हैं. अगर समय रहते बच्चों की इस आदत को नहीं बदला गया तो, आगे चलाकर उनका भविष्य बिगड़ भी सकता है. अगर आपके बच्चे की भी दूसरों के साथ बुरा व्यवहार करने की आदत है तो, उनमें ऐसे सुधार करें, चलिए जान लेते हैं. Read More – गर्मी में पसीने की बदबू से आप भी हैं परेशान, तो ये चीजें दिलाएंगी इस समस्या से छुटकारा …
बच्चों को करें मोटिवेट
बच्चों के माता पिता ही उनकी लाइफ के सबसे पहले चीयर लीडर होते हैं. आपको अपने बच्चे को सबसे ज्यादा मोटिवेट करने की जरूरत है. वो जो भी काम करते हैं उसके लिए उसे हतोत्साहित करने की जगह प्रोत्साहित करने की कोशिश करें. हर वक्त बच्चे को नीचा दिखाने से उसके मन में नकारात्मकता भर सकती है. उन्हें ये महसूस ना होने दें, कि आप उसके किसी कम से खुश नहीं होते. बच्चे दूसरों के साथ बुरा व्यवहार तभी करते हैं, जब उनके मन में हर काम में हारने की भावना होती है. उसे अच्छा इंसान बनाने के लिए हमेशा मोटिवेट करने की कोशिश करें.
ना करें अपमान
अगर आप भी उन पैरेंट्स में से एक हैं, जो दूसरों के आगे अपने बच्चों को अपमानित करते हैं, और दूसरे बच्चों से अपने बच्चे को कम्पेयर करते हैं, तो इस आदत को सुधारने की बेहद जरूरत है. बच्चों को कभी भी अपमान नहीं करना चाहिए, इससे बच्चा और भी ज्यादा बदतमीज हो सकता है. आप खुद पर संयम रखेंगे तो बच्चे का व्यवहार दूसरों के प्रति संयमित ही रहेगा. Read More – Benefits Of Drinking Boiled Mango Leaves Water : आम फल खाने में जितना स्वादिष्ट, उसकी पत्तियां भी है उतनी ही फायदेमंद …
बच्चों से आये अच्छी तरह पेश
बच्चे गुस्सैल प्रवृत्ति के तब हो जाते हैं, जब आप उनके साथ अच्छे से पेश नहीं आते. जिससे वो दूसरों के साथ भी बुरा व्यवहार करने लगते हैं. छोटी से छोटी गलती में बच्चों को डाटने फटकारने के बजाय उन्हें प्यार से समझाएं, और गलती से होने वाले नुकसान के बारे में बताएं. उन्होंने क्यों गलत किया ये भी उन्हें बताएं. अगर आप ऐसा रवैया अपने बच्चे के प्रति अपनाएंगे तो, उनका गुस्सा कम होगा और वो किसी से भी अभद्रता नहीं करेंगे.
सजा देना नहीं है समस्या का समाधान
बच्चों को किसी भी तरह की सजा देना कहीं का भी इंसाफ नहीं है. इससे बच्चा काफी ढीठ हो जाता है. सजा के डर से बच्चे जानबूझकर गलतियां करने लगते हैं और उनकी आदत पहले से भी ज्यादा खराब होती चली जाती है. जिसके बाद वो दूसरों के साथ बुरा व्यवहार करने लग जाते हैं. अगर आपका बच्चा इस तरह की आदत से बचा रहे तो उसे बार बार सजा देने से बचें. उन्हें सुधरने का मौका दें.
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