बच्चों का थोड़ी शरारत और नखरे करना तो लाजमी है, उनका मन चंचल होता हैं. जिसकी वजह से उनपर किया गया गुस्सा उन्हें नाराज कर देता हैं, खासतौर से जब आप किसी और का गुस्सा उनपर निकाल रहे हो. ऐसे में वे भी आपसे नाराज हो जाते हैं और कई बार तो अपनी बात मनवाने का उनका तरीका भी होता हैं. जितना परेशान आप उसकी हरकत से हो रहे हैं उससे ज्यादा परेशान आपका बच्चा खुद के इमोशन से हो रहा है. ऐसे में आपको जरूरत हैं कि उन्हें मनाते हुए हंसाया जाए. तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि अगर आपका बच्चा बहुत अधिक गुस्सा या नाराज हो जाता है तो कैसे उसे मनाया जा सकता हैं.

समझें बच्चे की जरूरत

आपके लिए सबसे पहले बच्चे के गुस्से के पीछे की प्रमुख वजह को जानना और समझना जरूरी है. आपको समझना होगा कि किस कारण आपका बच्चा इतनी जिद कर रहा है? कहीं वह भूखा तो नहीं? या उसे नींद तो नहीं आ रही या किसी और वजह से वह परेशान तो नहीं हो रहा है? आपका मुख्य मकसद उसकी परेशानी का हल तलाशना होना चाहिए. अगर ऐसी कोई संभावना नजर नहीं आए, तो हो सकता है वह सिर्फ आपका समय चाहता हो. बच्चे के गुस्से को अनदेखा कर कुछ वक्त सिर्फ उसके साथ बिताएं। थोड़ी देर बाद वह खुद ही सामान्य हो जाएगा.

गुस्से के नुकसान बताएं

बच्चों को अगर ये पता हो कि ऐसा व्यवहार करने पर उन्हें नुकसान हो सकता है तो वो नाराज होने की हैबिट धीरे-धीरे छोड़ने की कोशिश करेंगे और अपनी बात को प्यार से समझाने की कोशिश करेंगे। लेकिन यह ध्यान रखें कि आप उन्हें डांटने की बजाय ये बताएं कि उनके फेकने से टूटे खिलौनों को अब ठीक कौन करेगा क्योंकि ऐसा खिलौना दोबारा नहीं खरीदा जा सकता.

बच्चे को गले लगाएं

जब आपका बच्चा बहुत ज्यादा गुस्से में हो, तब उसे डांटने या झिड़कने से अच्छा है कि उसकी डिमांड को समझने की कोशिश करें. उसके गुस्से को अनदेखा करने से अच्छा है कि उसे प्यार से गले लगाएं. प्यार से समझाने की आपकी कोशिशों पर बच्चा हमेशा सकारात्मक प्रतिक्रिया दे, यह जरूरी नहीं है. पर, आपके ऐसा करने से उसे सुरक्षा जरूर महसूस होगी और वह जल्द ही अपनी नाराजगी भूल जाएगा.

बच्चे को हंसाए

किसी भी चीज की दवा हंसना है. बच्चे को हंसाकर आप उसकी नाराजगी को दूर कर सकते हैं. कोशिश करें कि आप बच्चे को हंसा पाएं. उसे कोई जोक या मजाकिया वाक्या सुनाएं या उसके पेट में गुदगुदी करें। या ऐसी चीज करें जिस से आपके बच्चे को खुशी मिलती है.

बच्चे का ध्यान भटकाएं

आसान शब्दों में कहा जाए, तो बच्चे की जिद को खत्म करने के लिए उसको किसी दूसरे काम में व्यस्त कर दें. इससे बच्चे का ध्यान भटक जाता है. अपने बच्चे के नखरों पर काबू पाने के लिए आप भी ऐसी ही कोई तरकीब आजमा सकती हैं.

दें सकारात्मक प्रतिक्रिया

जब बच्चा जिद करे तो उस पर चीखने-चिल्लाने की जगह उसकी जिद को शांत करने की कोशिश करें. यदि वह आपकी बात मान जाए तो इसके लिए उसे सराहें और उसे कुछ ईनाम भी दें. उदाहरण के लिए बच्चे को बुखार है,लेकिन वह आइसक्रीम खाने की जिद कर रहा है. आप ऐसे में प्यार से उसे ठंडी चीज खाने के नुकसान के बारे में बताएं. यदि बच्चा जिद छोड़कर आपकी बात मान ले तो उसे शाबाशी दें और कुछ उपहार दिलवाएं.

बच्चे को कंफर्टेबल करें

बच्चे हमेशा अपने पैरेंट्स का प्यार और समय चाहते हैं. आप इस बात को समझने की कोशिश करें. उन्हें अपना प्यार और सपोर्ट दें जिससे वो आपसे खुलकर अपने मन की बात कह सकें.

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