रायपुर। ये तो आप जानते होंगे कि नीम के पेड़ में अनेक शक्तियों का वास होता है. कहते हैं कि उग्र शक्ति, महाकाली, मां दुर्गा का नीम के पेड़ में वास होता है. मां दुर्गा और केला माता की पूजा का जल नीम के पेड़ में डाल दें तो इसका फल बहुत शुभ होता है.

मंगल की दिशा दक्षिण मानी गई है. नीम का पेड़ मंगल की स्थिति तय करता है कि मंगल शुभ असर देगा या नहीं. अत: दक्षिण दिशा में नीम का एक बड़ा सा वृक्ष जरूर होना चाहिए. यदि दक्षिणमुखी मकान के सामने द्वार से दोगुनी दूरी पर स्थित नीम का हराभरा वृक्ष है या मकान से दोगना बड़ा कोई दूसरा मकान है तो दक्षिण दिशा का असर कुछ हद तक समाप्त हो जाएगा.

कुंडली में इन दोषों से भी मिलेगी मुक्ति

– नीम का पेड़ साक्षात मंगलदेव है. इसकी पूजा करने से मंगलदोष दूर होते हैं.

– मंगलवार को नीम के पेड़ में शाम को जल चढ़ाएं और चमेली के तेल का दीपक जलाएं. ऐसा कम से कम 11 मंगलवार करें. इससे हनुमानजी की कृपा प्राप्त होगी. घर के पास नीम का पेड़ लगाने और नित्य इसमें जल अर्पित करने से हनुमानजी की भी कृपा बनी रहती है.

– इस पेड़ की सेवा करने से आपके जीवन में कभी भी अमंगल नहीं होगा और मंगलदोष दूर हो जाएगा.

यदि आपका जन्म उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ है, या आपकी राशि मकर या कुंभ राशि है तो नीम का पेड़ लगाने बहुत ही शुभफलदायी होगा.

– नीम की पूजा करने और इसकी दातून करने से शनिदोष भी समाप्त हो जाता है.

– ज्योतिष में कहीं-कहीं नीम का संबंध शनि और कहीं कहीं केतु से जोड़ा गया है. इसलिए दोनों ही ग्रहों की शांति हेतु उचित दिशा में नीम का पेड़ लगाया जा सकता है.

– नीम की लकड़ी से हवन करने से शनि की शांति होती है. इसके पत्तों को जल में डालकर स्नान करने से केतु संबंधी समस्याएं दूर होती हैं.

– नीम की लड़की की माला धारण करने से शनि की पीड़ा समाप्त हो जाती है.