भूपेन्द्र भदौरिया,ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में नशे का कारोबार चरम सीमा पर है. जिसके चलते ज्यादातर ग्वालियर के युवा नशे की गिरफ्त में है. ग्वालियर में युवा स्मैक, गांजा और नशे के इंजेक्शन लेते हुए ग्वालियर के हर चौक चौराहे के साथ ही रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड के आसपास आपको नजर आ जाएंगे. नशे के आदी बेटे की पिटाई से आहत होकर एक पिता ने सुसाइड नोट लिखकर अपना दर्द बयां किया और आत्महत्या कर ली. सुसाइड नोट में लिखा है कि पुलिस ने जल्दी कार्रवाई नहीं की तो बेटा अपनी मां को भी मार डालेगा.

जानकारो की माने तो मेडिकल स्टोर पर नशे की दवा आसानी से भी उपलब्ध हो रही है. जिन दावों पर सरकार की तरफ से बेन है. ऐसी दवाएं भी मेडिकल स्टोर पर धड़ल्ले से बिक रही है. जिस तरह से पंजाब में नशे का कारोबार चरम पर है और युवा इस नशे की लत में बर्बाद हो चुके हैं. समय रहते अगर इन युवाओं को नशा करने से रोक नहीं गया, तो उड़ता पंजाब की तरह उड़ता ग्वालियर बनने में देर नहीं लगेगी. वहीं पुलिस प्रशासन जल्द ही नशा के कारोबारी पर कार्रवाई करने की बात कह रही है.

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एडिशनल एसपी ऋषिकेश मीणा का कहना है कि कि करोड़ों रुपए के नशीले पदार्थ अभी तक जब्त किये जा चुके हैं. आगे भी समय-समय पर नशा के कारोबारी पर कार्रवाई देखने को मिलेगी. कई बार युवाओं की नशे की इस गलत लत का खामियाजा उनके परिवार वालों को भी भोगना पड़ जाता है. ऐसा ही एक मामला कुछ दिन पूर्व थाटीपुर थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां नशे के आदी बेटे की पिटाई से आहत होकर पिता ने दुनिया छोड़ी और सुसाइड नोट लिखकर अपना दर्द बयां किया.

थाटीपुर थाना क्षेत्र में रहने वाले सुरेश गुर्जर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मौके पर 8 पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा. जिसमें अपनी मौत का जिम्मेदार अपने बेटे धर्मेंद्र को बताया. पुलिस से मांग करते हुए बेटे पर सख्त कार्रवाई करने को लेकर सुसाइड नोट में लिखा. इसके साथ ही सुसाइड नोट में लिखा है कि पुलिस ने जल्दी कार्रवाई नहीं की तो बेटा अपनी मां को भी मार डालेगा.

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