पुरुषोत्तम पात्रा, गरियाबंद। एक तरफ जहां भाजपा सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है, तो वहीं गरियाबंद जिले में स्वास्थ्य विभाग में एएनएम की भर्ती में भारी अनियमितता उजागर हुई है. मामला उजागर हुआ, तो जांच भी हुई, लेकिन जांच रिपोर्ट का अब तक पता नहीं चल पाया है.

यहां तक कि जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर यूथ कांग्रेस को भूख हड़ताल तक का सहारा लेना पड़ा. बता दें कि 15 दिसंबर को आरटीआई के जरिए स्वास्थ्य विभाग में एएनएम भर्ती में गड़बड़ी का खुलासा हुआ था. दस्तावेज के मुताबिक, जिले में 14 पद की स्वीकृति सरकार ने दी थी. लेकिन इन 14 पदों पर नियुक्ति के कुछ ही महीने के बाद बिना किसी स्वीकृति के 27 महिला कार्यकर्ताओं की गुपचुप तरीके से बैक डोर से नियुक्ति करा दी गई. इन सबकी भर्ती जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने करा दी.

गौरतलब है कि यूथ कांग्रेस ने इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर 26 दिसंबर को जल सत्याग्रह भी किया था. उस वक्त प्रशासन ने पखवाड़े भर में ही जांच कर पूरी कार्रवाई का भरोसा दिलाया था.

यूथ कांग्रेस के बिन्द्रानवागढ़ अध्यक्ष अमित मिरी ने बताया कि जिम्मेदार भ्रष्ट अधिकारी पर कार्रवाई की मांग राज्यपाल तक की जा चुकी है, लेकिन प्रशासन ने कार्रवाई तो दूर, जांच रिपोर्ट तक सार्वजनिक नहीं की. कल गरियाबंद के कचहरी चौक पर भूख हड़ताल पर बैठे कांग्रेसियों ने मामले में लीपापोती के लिए उच्चस्तरीय सांठ-गांठ का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाज़ी की. धरने पर बैठे यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संदीप सरकार ने कहा कि कार्रवाई नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा और आगे और उग्र आंदोलन किया जाएगा.

वहीं मामले में जिला प्रशासन के अधिकारी किसी भी तरह की बयानबाज़ी से बच रहे हैं.