देश में बेरोजगारी और महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है. केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं ने देश के कई राज्यों में उग्र विरोध प्रदर्शन किया. केंद्र सरकार सेना के अवाला अन्य क्षेत्रों में भी स्थायी नौकरियों को तेजी से खत्म कर रही है. साथ ही सरकार लगातार ठेका प्रथा को प्रोत्साहित कर रही है. आंकड़े बताते हैं कि ठेका कर्मी सिर्फ दो साल में ही दोगुने हो चुके हैं.

नेशनल पेंशन स्कीम के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र सरकार ने 2020 की तुलना में 2021 में स्थायी भर्तियां 27 प्रतिशत कम की है. राज्यों का भी यही हाल हैं, उन्होंने भी रेगुलर भर्तियां 21 प्रतिशत कम कर दी है. मोदी सरकार ने साल 2021 में  87,423 स्थायी नौकरियां दीं. जबकि साल 2020 में स्थायी भर्तियों की संख्या 1.19 लाख थीं. महीने का औसत देखें तो स्थायी नौकरियों का गिरता हुआ ग्राफ अधिक स्पष्ट नजर आएगा. साल 2017 में केंद्र सरकार हर माह औसतन 11 हजार लोगों को स्थायी नौकरी दे रही थी. 2020 में यह आंकड़ा 7285 पर पहुंच गया. यानी 2020 में सरकार हर माह औसतन 7285 लोगों को ही नौकरी दे पाई. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकारें प्रतिमाह 45,208 भर्तियां कर रही थी, 2020 में हर माह मिलने वाली नौकरियों की संख्या 32,421 रह गईं.

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संघ लोक सेवा आयोग जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में भी भर्ती आधी कर दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद से यूपीएससी में भर्तियां आधी हो गई हैं. नरेंद्र मोदी जिस साल प्रधानमंत्री बने थें यानी 2014 में यूपीएससी ने 7799 भर्तियां की थीं. 2015 में घटकर भर्तियां 5959 हो गयीं. 2016 में घटकर 5659 हो गयीं. 2017 में घटकर 4612 हो गयीं. यानी 2017 तक 3187 भर्तियां कम हो गयीं. फिर आया 2018, इस साल सरकार ने 2017 की तुलना में 217 भर्तियां बढ़ाईं. यानी 2018 में भर्तियां की संख्या रही 4829. 2019 में भर्तियां का आंकड़ा फिर लुढ़का और 3889 पर पहुंच गया. 2020 में भर्तियों को बढ़ाकर 4351 कर दिया गया. लेकिन 2021 में ये भर्तियां फिर 3986 पर पहुंच गयीं.

दो साल में ठेका कर्मचारियों की संख्या दोगुनी

भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि साल 2019 में केंद्र सरकारी की नौकरियों ठेका कर्मचारियों की कुल संख्या 13.64 लाख थी. 2021 के आंकड़े बताते हैं कि केंद्र सरकार के पास 24.31 लाख ठेका कर्मचारी हैं. यानी दो साल में ही केंद्र सरकार ने ठेका कर्मचारियों की संख्या करीब-करीब दोगुनी कर दी है. ध्यान देने वाली बात ये भी है कि जिन दो सालों में ठेका कर्मचारियों की संख्या दोगुनी हुई है, वो कोरोना महामारी के वर्ष थे. पिछले पांच साल के आंकड़ों को एक साथ रखकर देखें तो ठेका कर्मियों का ग्राफ लगातार बढ़ता नजर आएगा. साल 2017 में ठेका कर्मचारियों की संख्या 11.11 लाख थी. 2018 में बढ़कर ये संख्या 11.79 लाख हो गई. 2019 में संख्या 13.64 लाख पहुंच गई. 2020 में ठेका कर्मियों की संख्या 13.25 रही. 2021 में ठेका कर्मियों की संख्या बड़ी उछाल के साथ 24.31 लाख हो गई है.

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