रायपुर। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में पर्यावरण एक ऐसा ज्वलंत मुद्दा है, जिसके बारे में विमर्श और भविष्य की रूपरेखा के प्रभावी निर्धारण को सुनिश्चित करने और इस संदर्भ में एक व्यापक संदेश समाज में देने के लिए लोकतंत्र के शीर्ष स्तंभ संसद से बेहतर और कोई स्थान नहीं हो सकता. इसी आशय को दृष्टिगत रखते हुए संसद भवन में राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद (एनईवाईपी) का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश भर के विभिन्न राज्यों के युवा शामिल हो रहे हैं.

नई दिल्ली में 16 अप्रैल 2022 को आयोजित होने वाली इस पर्यावरण युवा संसद में देश भर के 12 विश्वविद्यालयों के 140 छात्र प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं, जो पर्यावरणीय चुनौतियों से लड़ने के लिए न केवल अपने विचार प्रस्तुत करेंगे, बल्कि देश के आम नागरिकों से इस अभियान में शामिल होने के लिए आह्वान भी करेंगे.

प्रथम राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद (एनईवाईपी) का आयोजन कुछ उसी रूप में किया जा रहा है, जिस प्रकार वास्तविक संसद का संचालन होता है. इस कार्यक्रम में युवा छात्र ही सांसद और स्पीकर की भूमिका में होंगे. युवा पर्यावरण संसद का आयोजन देश में पर्यावरणीय मुद्दों पर आम जन मानस, विशेषकर युवा पीढ़ी में चेतना जागृत करने और पर्यावरणीय चुनौतियों से लड़ने के लिए रोडमैप तैयार करने से जुड़ी व्यापक पहल का हिस्सा है.

चार घंटे तक चलने वाली राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद का आयोजन दो सत्रों में किया जाएगा. पहला सत्र सुबह 11 बजे से दोपहर 01 बजे तक चलेगा, जबकि दूसरा सत्र दोपहर 2.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक आयोजित होगा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पहले सत्र में छात्रों के साथ बातचीत करेंगे. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ पर्यावरण के मुद्दों और जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने का अवसर भी छात्रों को मिलेगा.

“पर्यावरण को केंद्र में रखकर युवा संसदआयोजित करने के पीछे संगठन का उद्देश्य नई पीढ़ी को ऐसा मंच प्रदान करना है, जिससे उनमें भविष्य में पर्यावरणीय चुनौतियों से लड़ने के लिए दृढ़ भावना एवं नेतृत्व क्षमता विकसित हो सके. इस पहल में, छात्रों के बीच ‘पंच-महाभूतों’ को पुनर्जीवित करने का विचार शामिल है, ताकि वे अपने रचनात्मक विचारों से पर्यावरण संबंधी समस्याओं को हल करनेमें सक्षम हो सकें.

इसका गरिमामय आयोजन पर्यावरण की रक्षा, पर्यावरणीय क्षरण के विश्लेषण,और निगरानी के लिए समर्पित एक राष्ट्रीय संगठन ‘पर्यावरण संरक्षण गतिविधि’ और मानव रचना विद्यान्तारिक्ष और मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च ऐंड स्टडीज के संयुक्त तत्तावधान में किया जा रहा है.

इस अवसर पर, निर्णायक मंडल द्वारा प्रतिभागियों को विभिन्न पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे, जिनमें सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीययुवा आइकॉन, सर्वश्रेष्ठ पत्रकार,फोटो पत्रकार, कार्टूनिस्ट और कई अन्य पुरस्कार शामिल हैं.

राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद में दो प्रायोजक विश्वविद्यालयों केअतिरिक्त देश भर के 10 दस क्षेत्रीय विश्वविद्यालय भी भाग ले रहे हैं. छत्तीसगढ़ के गुरु घसीदास वि. वि . के छात्र नंदिनी दीक्षित, शुभम पाठक,वीणा शुक्ला,सांभवी तिवारी छतीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं .

उन्होने पर्यावरण संसद के संबंध में बताया की वे अपनी शैक्षणिक गतिविधियों के अतिरिक्त समय निकाल कर अनवरत पर्यावरण संरक्षण हेतु संलग्न हैं जैसे शहीदों की याद में लघु वन पौध रोपण ,वृहद स्तर पर पौध रोपण व पौध संरक्षण में सहभागिता ,प्लास्टिक के उपयोग को बन्द करने के लिए जन जागरण ,इको ब्रीक्स का निर्माण आदि । इस भव्य आयोजन में सहभागिता एवं छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व प्राप्त कर वे अभिभूत व उत्साहित हैं.