नई दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को 72वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा- 15 अगस्त का दिन राष्ट्र निर्माण के संकल्पों को पूरा करने का दिन है। समाज में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। गांधीजी ने हमें अहिंसा का अस्त्र प्रदान किया है, यह 21वीं सदी में भी उतना ही प्रासंगिक है। स्वाधीनता के लिए संघर्ष करने वाले में देश के हर वर्ग के लोग शामिल थे। देश का विकास करने और गरीबी से मुक्ति दिलाने का काम हम सबको करना है।
कोविंद ने कहा, “राष्ट्र का विकास शहीदों को एक श्रद्धांजलि होगी। हमारी स्वाधीनता का दायरा काफी बड़ा है। हमें स्वाधीनता को विकास के नए आयाम देना है। देश के सैनिक और किसान हमारे लिए अहम योगदान देते हैं। सैनिक कठिन हालात में देश की आजादी की रक्षा कर रहे हैं। सरकार किसानों और सैनिकों के साथ हर वर्ग के लिए काम कर रही है। महिलाओं को आजादी की भी सार्थकता है। उन्हें घरों में अपने स्वतंत्रता का अवसर मिलना चाहिए। उन्हें शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में आजादी मिलनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, ‘देश के नौजवानों ने स्वाधीनता के आंदोलन में जोश भरा था। वे आज हमारी आकाक्षांओं की बुनियाद हैं। हम युवाओं का कौशल विकास करते हैं। खुले में शौच, बेघरों को घर और निर्धनता को दूर करने की ओर बढ़ रहे हैं। इनके खिलाफ फैलाए जा रहे भ्रम में न भटकें।”
राष्ट्रपति ने कहा, “देश में तेजी से बदलाव हो रहा है। हम स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने के लिए काम कर रहे हैं। भारतीय परंपरा में दरिद्र, नारायण की सेवा को सर्वोपरि माना गया है। मुझे विश्वास है कि हम इसमें योगदान देते रहेंगे।